क्या बर्मिंघम बनेगा ‘लिटिल बिहार’? यूके में छठ महापर्व की तैयारियां चरम पर

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क्या बर्मिंघम बनेगा ‘लिटिल बिहार’? यूके में छठ महापर्व की तैयारियां चरम पर

सारांश

क्या बर्मिंघम सच में बन जाएगा ‘लिटिल बिहार’? जानिए यूके में छठ महापर्व की तैयारी की दिलचस्प बातें और कैसे यह आयोजन बिहारी संस्कृति को जीवंत रखता है।

Key Takeaways

  • बर्मिंघम में छठ महापर्व की तैयारियां जोरदार हैं।
  • 500 परिवार इस महापर्व में शामिल होंगे।
  • छठ महापर्व बिहारी संस्कृति का प्रतीक है।
  • विशेष अतिथि के रूप में कनिष्क नारायण उपस्थित रहेंगे।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

लंदन, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हर साल की तरह इस बार भी बर्मिंघम ‘लिटिल बिहार’ के रूप में सजने जा रहा है, और इसका मुख्य कारण है यूके में मनाया जाने वाला भारतीय धार्मिक उत्सव, ‘छठ महापर्व 2025', जिसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं। श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर इस बार 26 से 28 अक्टूबर तक छठ की भक्ति और बिहारी संस्कृति के रंगों से भरा रहेगा।

बोकारो

‘बिहारीज बियॉन्ड बाउंड्रीज' नामक एक कम्युनिटी इंटरेस्ट कंपनी इस भव्य आयोजन का आयोजन कर रही है। यह समारोह बिहार, झारखंड और पूरे पूर्वांचल की परंपराओं को विदेश में जीवित रखने का संकल्प दर्शाता है। पिछले साल की तुलना में इस बार 100 से अधिक नए परिवार शामिल हो रहे हैं। कुल मिलाकर लगभग 500 परिवार इस महापर्व में भाग लेंगे।

कार्यक्रम में इस बार विशेष अतिथियों की भी उपस्थिति होगी। यूके के पहले बिहारी सांसद कनिष्क नारायण और भारतीय वाणिज्य दूतावास, बर्मिंघम के हेड ऑफ चांसरी अमन बंसल इसकी शोभा बढ़ाएंगे।

पटना से ताल्लुक रखने वाले निशांत नवीन ने बताया, “इस बार 20 श्रद्धालु छठ व्रत करेंगे। सभी पूजन सामग्री और आवास की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की गई है ताकि व्रती पूरी श्रद्धा के साथ सूर्य उपासना कर सकें।”

मंदिर परिसर में केवल पूजा नहीं, बल्कि संस्कृति का संगम भी देखने को मिलेगा। मधुबनी कला प्रदर्शनी, भोजपुरी-मगही-मैथिली गीतों की महफिल, और बच्चों के लिए छठ पूजा पर चित्रांकन और एनिमेटेड कहानियाँ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ना है।

राजीव सिंह का कहना है कि छठ की तैयारियां चार महीने पहले शुरू की गई थीं। “कुछ पूजन सामग्री हमने सीधे पटना से मंगवाई है, ताकि प्रसाद की खुशबू में मिट्टी की वही असली महक रहे।”

साथ ही आयोजक दल यूके के स्थानीय स्कूलों में छठ पर शैक्षिक वीडियो भी भेज रहा है, ताकि बच्चे समझ सकें कि यह पर्व केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति, अनुशासन और कृतज्ञता का उत्सव है।

कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवक ठेकुआ प्रसाद पूरे यूके में वितरित करेंगे। पवन कुमार के अनुसार, यह एक प्रतीकात्मक संदेश है कि छठ की मिठास और मईया की कृपा हर घर तक पहुंचे।

Point of View

चाहे हम कहीं भी रह रहे हों।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

छठ महापर्व क्या है?
छठ महापर्व एक प्राचीन भारतीय त्योहार है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मईया की पूजा की जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार और पूर्वांचल में मनाया जाता है।
बर्मिंघम में छठ महापर्व कब मनाया जाएगा?
बर्मिंघम में छठ महापर्व 26 से 28 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा।
इस वर्ष कितने लोग छठ व्रत करेंगे?
इस वर्ष लगभग 20 श्रद्धालु छठ व्रत करेंगे।
क्या इस आयोजन में कोई विशेष अतिथि होंगे?
हाँ, इस बार यूके के पहले बिहारी सांसद कनिष्क नारायण और भारतीय वाणिज्य दूतावास के हेड ऑफ चांसरी अमन बंसल उपस्थित रहेंगे।
छठ महापर्व में क्या खास होगा?
इस बार मधुबनी कला प्रदर्शनी, भोजपुरी-मगही-मैथिली गीतों की महफिल, और बच्चों के लिए विशेष गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।