क्या आईडीएफ ने गलती से संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर गोली चलाई?
सारांश
Key Takeaways
- गलत पहचान के कारण गोलीबारी हुई।
- यूनिफिल सैनिक सुरक्षित लौटे, कोई घायल नहीं हुआ।
- इजरायल ने जानबूझकर हमला नहीं किया।
- यूनिफिल ने घटना को गंभीर उल्लंघन कहा।
- क्षेत्र में शांति बनाए रखने की आवश्यकता।
यरूशलम, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल की सेना (आईडीएफ) ने स्वीकार किया है कि दक्षिण लेबनान में उसने गलती से दो संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों पर गोलीबारी की। सेना के मुताबिक, यह गलती खराब मौसम और गलत पहचान के कारण हुई।
सेना ने स्पष्ट किया कि अल-हमामेस क्षेत्र में दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखकर सैनिकों ने चेतावनी के रूप में गोलियाँ चलाईं, जिससे उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया। बाद में पता चला कि वे संदिग्ध लोग वास्तव में क्षेत्र में गश्त कर रहे संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक थे।
आईडीएफ ने यह भी कहा कि उसने जानबूझकर यूनिफिल सैनिकों को निशाना नहीं बनाया और इस स्थिति को आधिकारिक माध्यमों से सुलझाया जा रहा है। सेना ने यह भी कहा कि वह इजरायल पर किसी भी तरह के खतरे को समाप्त करने के लिए अपने अभियान जारी रखेगी।
इससे पहले, न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूनिफिल) ने बताया था कि इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में एक इजरायली चौकी के पास तैनात एक मर्कवा टैंक से गोलीबारी की। भारी मशीनगन की गोलियां पैदल चल रहे शांति सैनिकों से लगभग पाँच मीटर की दूरी पर गिरीं। सैनिकों ने तुरंत छिपकर बचाव किया और यूनिफिल चैनलों के माध्यम से इजरायली सेना से संपर्क किया कि गोलीबारी रोक दी जाए। लगभग आधे घंटे बाद जब टैंक पीछे हट गया तो शांति सैनिक सुरक्षित लौट सके। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
यूनिफिल ने इस घटना को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का गंभीर उल्लंघन बताते हुए इजराइल से शांति सैनिकों पर या उनके पास किसी भी तरह के हमले को रोकने की अपील की। यूनिफिल ने कहा कि उसके सैनिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए कार्यरत हैं।
अक्टूबर 2023 में गाज़ा युद्ध शुरू होने के बाद से सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण यूनिफिल के ठिकानों पर कई बार हमले हुए हैं। इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम होने के बावजूद, इजरायल हिज्बुल्लाह की धमकियों का हवाला देते हुए लेबनान में समय–समय पर हमले करता रहा है और 18 फरवरी की वापसी की समय सीमा पार करने के बाद भी कुछ सीमा चौकियों पर मौजूद है।