क्या भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक एफटीए से व्यापार में 34 अरब डॉलर की वृद्धि होगी?

Click to start listening
क्या भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक एफटीए से व्यापार में 34 अरब डॉलर की वृद्धि होगी?

Key Takeaways

  • भारत-ब्रिटेन के बीच एफटीए पर हस्ताक्षर हुए।
  • वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में ३४ अरब डॉलर की वृद्धि होगी।
  • भारत ब्रिटेन के ९० प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क घटाएगा।
  • ब्रिटेन भारत के ९९ प्रतिशत निर्यात पर शुल्क कम करेगा।
  • इससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए कई उत्पाद किफायती हो जाएंगे।

लंदन, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत-ब्रिटेन व्यापार और आर्थिक संबंधों के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए, जिससे वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में लगभग ३४ अरब डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है।

इस ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के तहत, भारत ब्रिटेन के ९० प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क में कटौती करेगा, जबकि ब्रिटेन ९९ प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा, जिससे सभी क्षेत्रों में शुल्क सीमा और नियामक प्रक्रियाओं में बड़ी कमी आएगी।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है। इससे पूरे ब्रिटेन में हजारों नौकरियां पैदा होंगी, व्यवसायों के लिए नए अवसर खुलेंगे और देश के हर कोने में विकास को गति मिलेगी।"

इस समझौते से स्कॉच व्हिस्की, जिन, लग्जरी कारें, कॉस्मेटिक और चिकित्सा उपकरण जैसे आयातित सामान भारतीय उपभोक्ताओं के लिए और अधिक किफायती हो जाएंगे।

मुक्त व्यापार समझौते के प्रभाव से भारतीय कृषि उत्पादों को जर्मनी जैसे प्रमुख यूरोपीय निर्यातकों के साथ टैरिफ समानता प्राप्त होगी। वस्त्र और चमड़े पर शून्य शुल्क से बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे क्षेत्रीय समकक्षों से भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ने की उम्मीद है।

इस करार से भारत के चमड़ा क्षेत्र की हिस्सेदारी अगले दो वर्षों में यूके के बाजार में ५ प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।

अनुमान के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग निर्यात 2030 तक दोगुना होने की संभावना है, जबकि रत्न और आभूषण निर्यात अगले तीन वर्षों में दोगुना (वर्तमान ९४१ मिलियन डॉलर से) होने की संभावना है।

अधिकारियों का अनुमान है कि इस समझौते से लंबी अवधि में भारत को यूके का निर्यात लगभग ६० प्रतिशत बढ़ जाएगा।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने चेकर्स एस्टेट में स्टारमर से मुलाकात कर ब्रिटेन की अपनी चौथी यात्रा पर आधिकारिक कार्यक्रम शुरू किए थे।

प्रधानमंत्री मोदी स्टारमर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे और क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे। बाद में, वह किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे।

चर्चा के दौरान, दोनों पक्ष व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे, जिसमें व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

Point of View

जो न केवल व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच निवेश के नए रास्ते खोलेगा। हमें इस समझौते के दीर्घकालिक लाभों पर ध्यान देना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह दोनों देशों के लिए लाभकारी हो।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत-ब्रिटेन एफटीए का मुख्य उद्देश्य क्या है?
एफटीए का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और शुल्क में कमी लाना है।
इस एफटीए से भारत को क्या लाभ होगा?
इस एफटीए से भारत के निर्यात में वृद्धि होगी और नई नौकरियों का सृजन होगा।
क्या इस एफटीए का असर भारतीय उपभोक्ताओं पर पड़ेगा?
हाँ, इससे कई आयातित सामान भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती हो जाएंगे।
एफटीए से कौन-कौन से उत्पाद प्रभावित होंगे?
एफटीए से स्कॉच व्हिस्की, लग्जरी कारें, और चिकित्सा उपकरण जैसे उत्पाद प्रभावित होंगे।
इस करार का भविष्य में क्या प्रभाव होगा?
इस करार से भारत का यूके निर्यात लगभग 60 प्रतिशत बढ़ सकता है।