क्या दक्षिण सूडान में बाढ़ ने संकट उत्पन्न कर दिया है, 8.9 लाख लोग प्रभावित?

सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण सूडान में बाढ़ ने 8.9 लाख लोगों को प्रभावित किया है।
- बाढ़ के कारण 19 लोगों की मौत हुई है।
- राहत कार्यों में भारी चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।
- नील नदी का बढ़ता जलस्तर बाढ़ का मुख्य कारण है।
- संयुक्त राष्ट्र की सहायता योजना को फंडिंग में कमी का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण सूडान में भारी बारिश और नील नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते भयंकर बाढ़ आई है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अनुसार, अब तक लगभग 8.9 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यह संख्या तीन हफ्ते पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है, जो यह दर्शाती है कि हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप-प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि देश के कई हिस्सों में अब भी निरंतर बारिश हो रही है। नील नदी और इसके आसपास का क्षेत्र पानी से भर चुका है। बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव जोंगलेई और यूनिटी नामक दो राज्यों में देखा जा रहा है, जहां हजारों लोग ऊंचाई वाली जगहों पर शरण ले रहे हैं।
उप-प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि बाढ़ ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। हजारों घरों में पानी भर गया है, फसलें नष्ट हो गई हैं, और कई स्थानों पर स्कूल, अस्पताल और सड़कें बुरी तरह टूट गई हैं। इन परिस्थितियों में राहत कार्य करना बेहद कठिन हो गया है। बहुत सी जगहों पर वाहन भी नहीं पहुँच पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "इन चुनौतियों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र और अन्य राहत संस्थाएं निरंतर मदद पहुंचा रही हैं। लोगों को खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, नकद सहायता, टेंट, पीने का साफ पानी, और शौचालय की सुविधाएं दी जा रही हैं। साथ ही, सैंडबैग और अन्य बाढ़-रोकने वाले सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि पानी का बहाव रोका जा सके।"
फरहान हक ने आगे कहा कि हालात और बिगड़ सकते हैं क्योंकि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है, अर्थात् बाढ़ का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने अपने एक बयान में जानकारी दी थी कि 13 अक्टूबर तक, संयुक्त राष्ट्र की 2025 की सहायता योजना, जिसका उद्देश्य 54 लाख लोगों की मदद करना है, में मात्र 30 प्रतिशत फंडिंग ही प्राप्त हुई है। इस योजना के लिए 1.7 अरब डॉलर की आवश्यकता है, लेकिन अब तक बहुत कम धनराशि प्राप्त हुई है। इससे राहत कार्यों में देरी हो रही है और जरूरतमंद लोगों तक समय पर मदद नहीं पहुंच पा रही है।
राहत एजेंसियों ने बताया है कि इस बाढ़ में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 639,225 लोग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। देश के 26 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। अब तक 121 अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
ज्ञातव्य है कि दक्षिण सूडान नील नदी के बेसिन में बसा है और अधिकांश जमीन नीची और समतल है। ऊपर से विक्टोरिया झील में भी पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे नदियों में और अधिक पानी आ रहा है। यही कारण है कि देश में हर साल बाढ़ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। बाढ़ के कारण खेती, पशुधन और आवास का भारी नुकसान हुआ है। लोग खाने-पीने की चीजों के लिए परेशान हैं और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो रही है।