क्या सिडनी में लीजनियर्स रोग का प्रकोप बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- लीजनियर्स रोग गंभीर निमोनिया है।
- यह बीमारी संक्रमित जल कणों से फैलती है।
- लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं।
- स्वास्थ्य अधिकारी इस प्रकोप पर नजर रख रहे हैं।
- सतर्कता जरूरी है, लक्षणों पर ध्यान दें।
सिडनी, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण पूर्वी सिडनी लोकल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट (एसईएसएलएचडी) ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि सिडनी के इनर-सिटी क्षेत्र में लीजनियर्स बीमारी के प्रकोप के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई है और छह अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, मई से अब तक पॉट्स पॉइंट नामक समृद्ध क्षेत्र में इस बीमारी के सात मामलों की पुष्टि हुई है। यह क्षेत्र सिडनी हार्बर ब्रिज और सिडनी ओपेरा हाउस से केवल दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इन मामलों में एक 80 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति शामिल हैं, जो जून के अंत में बीमार हुए और उनकी मृत्यु हो गई। बाकी छह मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिनमें से पांच को छुट्टी दी गई है और एक मरीज अभी भी अस्पताल में है।
एसईएसएलएचडी के अनुसार, इन सभी मरीजों की उम्र 45 से 95 वर्ष के बीच है और वे एक-दूसरे को नहीं जानते थे, लेकिन यह संभव है कि वे एक ही स्रोत से संक्रमित हुए हों।
लीजनियर्स रोग लेजियोनेला नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती, बल्कि संक्रमित जल कणों को सांस के माध्यम से लेने पर फैल सकती है।
जून में, एसईएसएलएचडी ने पॉट्स पॉइंट आने-जाने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी थी और बुखार, हल्की ठंड, सांस लेने में तकलीफ और खांसी जैसे लक्षणों पर ध्यान देने को कहा था।
एसईएसएलएचडी की सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाई की निदेशक, विकी शेपर्ड ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारी और सिटी ऑफ सिडनी की टीमें उन सभी संभावित जल स्रोतों की जांच कर रही हैं जिनसे सातों मरीज संपर्क में आए हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, "जून में जांच शुरू होने के बाद से जिले ने दो बार बिल्डिंग मालिकों को उनके कूलिंग टावरों की सफाई और कीटाणुनाशन के निर्देश दिए हैं।"
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, लीजनियर्स एक प्रकार का गंभीर निमोनिया है जो लीजियोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके लक्षण सामान्यतः संक्रमण के दो से 14 दिन बाद विकसित होते हैं, हालांकि यह अवधि अधिक भी हो सकती है।
लक्षणों में खांसी, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। कुछ मामलों में भ्रम, दस्त या मतली भी देखी जाती है।