क्या बलूचिस्तान में सुरक्षा चौकी पर ग्रेनेड हमला हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- बलूचिस्तान में ग्रेनेड हमले ने सुरक्षा स्थिति को उजागर किया।
- पुलिसकर्मी की गंभीर चोटें आई हैं।
- अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई यह घटना बढ़ते आतंकवाद को दर्शाती है।
- पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।
- हाल के दिनों में आत्मघाती हमले की घटनाएं बढ़ी हैं।
क्वेटा, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के जाफराबाद में मंगलवार को अज्ञात हमलावरों ने एक सुरक्षा चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया, जिससे एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना क्षेत्र में बढ़ते आतंकी हमलों की एक नई कड़ी है, जहां बलूच विद्रोही समूह सक्रिय हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पुलिस के हवाले से जानकारी मिली है। डॉन की रिपोर्ट से पता चलता है कि धमाका नेशनल हाइवे की सुरक्षा चौकी पर हुआ। अज्ञात हमलावरों ने हैंड ग्रेनेड फेंका था।
घायल पुलिसकर्मी को डेरा अल्लाह यार अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमले के बाद पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है तथा हमलावरों की तलाश जारी है।
मंगलवार को ही खैबर पख्तूनख्वा से आत्मघाती हमले की खबर आई थी। न्यूज ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि बन्नू स्थित दोह घोड़ा पुल के पास एक आत्मघाती विस्फोट विफल हो गया। अधिकारियों के अनुसार, हमलावर ने नीयत स्थान पर पहुंचने से पहले ही शायद गलती से विस्फोट कर दिया।
पुलिस ने बताया कि हमलावर मोटरसाइकिल पर था। घटनास्थल से एक शव और एक मोटरसाइकिल का मलबा बरामद किया गया।
पुलिस पोस्ट पर हमले की घटनाएं हाल के दिनों में काफी बढ़ी हैं। 8 नवंबर को खार तहसील के टंगी में अज्ञात हमलावरों ने एक पुलिसकर्मी को घायल कर दिया था।
4 नवंबर को बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान के कच्छी जिले के पुलिस स्टेशन पर हमला किया और आग लगा दी थी। वहीं, क्वेटा के पश्चिम बाइपास क्षेत्र में एक चेक पोस्ट पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया था। जानकारी के अनुसार, 24 से अधिक बंदूकधारियों ने खट्टन पुलिस स्टेशन पर धावा बोला था। डॉन के मुताबिक, थाने में घुसे हमलावरों ने आधिकारिक दस्तावेजों और फर्नीचर को आग लगा दी थी।
बाद में हमलावर थाने से दो राइफल, एक मोबाइल और मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गए थे।
इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस नवीनतम सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान ने समग्र हिंसा में 46 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों और आतंकवाद-रोधी अभियानों सहित हिंसा की 329 घटनाएं हुईं। इनमें करीब 901 लोगों की मौत हुई और 599 लोग घायल हुए। इनमें आम नागरिक, सुरक्षाकर्मी और अपराधी शामिल हैं।