क्या पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में दो और नागरिकों की हत्या की?

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क्या पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में दो और नागरिकों की हत्या की?

सारांश

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने दो और बलूच नागरिकों को मारा। यह घटनाएँ मानवाधिकारों के उल्लंघन के संदर्भ में एक गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। क्या अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान देगा?

Key Takeaways

  • पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच नागरिकों की हत्या की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
  • मानवाधिकार संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
  • गैरकानूनी गिरफ्तारियों का लगातार सिलसिला जारी है।
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल देने की अपील की जा रही है।
  • बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन एक गंभीर चिंता का विषय है।

क्वेटा, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने बलूच समुदाय के दो और नागरिकों को गैर-कानूनी तरीके से मार डाला। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने मंगलवार को यह चौंकाने वाली जानकारी दी।

यह नई घटना उस समय हुई है जब प्रांत में गैरकानूनी हत्याओं, जबरन गायब होने और यातनाओं में वृद्धि हो रही है। बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग, पांक ने बताया कि 29 अक्टूबर को खुजदार जिले के सौरगर ओरंच इलाके के निवासी मजदूर हमजा बलूच का अपहरण कर लिया गया था। पाकिस्तानी सेना को सौंपे जाने के बाद, उनकी लाश 5 दिन की गैर-कानूनी हिरासत के बाद सोमवार सुबह अवारान जिले के जूतर कूर कोरक इलाके में मिली, जो गोलियों से छलनी थी।

पांक ने यह भी बताया कि केच जिले के कुलाहो गांव के निवासी बहादुर बलूच को भी पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वाड के सदस्यों ने बेरहमी से मार डाला। 1 नवंबर को उनका शव तुरबत सिविल अस्पताल लाया गया।

पांक के अनुसार, बहादुर बलूच ग्वादर के कुंटानी सीमा क्षेत्र में काम कर रहे थे। जब वह घर लौट रहे थे, तब स्क्वाड के सदस्यों ने उनकी बाइक और अन्य सामान लूट लिया और उन्हें हत्या कर दिया। इसके बाद, उनके गले में रस्सी बांधकर इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई और शव को पास की मस्जिद में रख दिया गया।

मानवाधिकार संगठन ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ जवाबदेही की मांग की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी कुख्यात सुरक्षा बलों और स्थानीय मिलिशिया के माध्यम से बलूचिस्तान में जघन्य युद्ध अपराधों में शामिल है।

पांक ने वैश्विक समुदाय से पाकिस्तान की फंडिंग रोकने का आह्वान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में युद्ध अपराधों को जारी रखने के लिए पाकिस्तान द्वारा इन फंड्स का उपयोग किया जा रहा है।

पांक ने यह भी कहा कि एक बलूच युवक, आसिफ हासिल, जो पेशे से मछुआरा था, को सोमवार शाम को ग्वादर जिले के पसनी चेक-पोस्ट से पाकिस्तानी आतंकवाद विरोधी विभाग (सीटीडी) और खुफिया एजेंसियों के कर्मियों द्वारा जबरन गायब कर दिया गया। उनकी गैर-कानूनी हिरासत से पहले, सुरक्षा बलों ने आधी रात को उनके घर पर बिना वजह छापेमारी की, जिसमें उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए।

संगठन ने कहा कि गैर-कानूनी गिरफ्तारियों ने पूरे बलूच समाज को सदमे में डाल दिया है, खासकर जब सुरक्षा बलों की इस मामले में भागीदारी हो।

पांक ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में तुरंत दखल देने और बलूच नागरिकों के खिलाफ लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए पाकिस्तानी सरकार को जवाबदेह ठहराने की अपील की है।

Point of View

मेरा दृष्टिकोण यह है कि हमें मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। बलूचिस्तान में चल रहे संघर्ष और नागरिकों की हत्या की घटनाएँ न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय हैं। हमारे देश की जिम्मेदारी है कि हम ऐसे मुद्दों को उठाएं और न्याय की मांग करें।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या बलूचिस्तान में हालात बहुत खराब हैं?
जी हाँ, बलूचिस्तान में नागरिकों के खिलाफ हिंसा और मानवाधिकारों का उल्लंघन बढ़ रहा है।
किस प्रकार की घटनाएं होती हैं?
यहां गैरकानूनी हत्याएं, जबरन गायब होना और यातनाएं आम हो गई हैं।
मानवाधिकार संगठन इसकी शिकायत कैसे कर रहे हैं?
मानवाधिकार संगठन लगातार घटनाओं की रिपोर्ट कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान दे रहा है?
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में दखल देने की अपील की जा रही है।
क्या कुछ किया जा रहा है?
मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान की फंडिंग रोकने की मांग की है।