क्या अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट किया।
- ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत यह कार्रवाई की गई।
- अमेरिका कूटनीति का विकल्प खुला रखता है।
- ईरान पर हमले का खतरा बढ़ गया है।
- राष्ट्रपति ट्रंप का स्पष्ट संदेश: ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिलेंगे।
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को यह जानकारी दी कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट हो गया है। इसी बीच, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने यह भी बताया कि वॉशिंगटन अब भी तेहरान के साथ कूटनीतिक संपर्क बनाए रखना चाहता है।
पेंटागन में आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, हेगसेथ ने कहा, “हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समूल नष्ट कर दिया है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह ऑपरेशन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीधे आदेश पर किया गया और इसमें गुप्तता एवं सटीक तैयारी पर विशेष ध्यान दिया गया।
उन्होंने आगे कहा, “हमारे कमांडर-इन-चीफ का आदेश बिल्कुल स्पष्ट, शक्तिशाली और केंद्रित था।”
इस सैन्य अभियान का नाम 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' रखा गया था, जिसके तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया, जिनमें नतांज, इस्फहान और फोर्डो शामिल हैं।
हेगसेथ के अनुसार, इस हमले में 125 से अधिक सैन्य विमान, बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, 14 जीबीयू-57 बंकर-बस्टर बम और 30 से अधिक टॉमहॉक मिसाइलें का उपयोग किया गया।
इससे पहले, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे एक “शानदार सैन्य सफलता” बताया था। उन्होंने कहा, “कुछ समय पहले अमेरिकी सेना ने ईरानी शासन के तीन प्रमुख परमाणु संयंत्रों पर बड़े और सटीक हमले किए। हमारा उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करना और इस आतंकवाद समर्थक राष्ट्र की परमाणु धमकी को समाप्त करना था। मैं आज रात दुनिया को बता सकता हूं कि यह हमला एक शानदार सैन्य सफलता है।”
हालांकि, उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा कि अमेरिका अब भी ईरान के साथ बातचीत के रास्ते को खुला रखना चाहता है, लेकिन किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जे.डी. वेंस ने चेतावनी दी, “अगर ईरान अमेरिकी सैनिकों पर हमला करता है, तो यह एक विनाशकारी गलती होगी।”
रक्षा मंत्री हेगसेथ ने चेतावनी दी कि यदि ईरान कोई जवाबी हमला करता है, तो अमेरिका उससे कहीं अधिक शक्तिशाली प्रतिक्रिया देगा।
उन्होंने कहा, “यह पिछली सरकार नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने देंगे। वह शांति चाहते हैं और ईरान को भी वही रास्ता अपनाना चाहिए। यदि ईरान ने अमेरिका पर हमला किया, तो उसे पहले से भी ज्यादा ताकतवर जवाब मिलेगा।”