क्या केन्या में भारी बारिश के बाद भू-स्खलन ने 13 लोगों की जान ले ली?
सारांश
Key Takeaways
- भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटना हुई।
- 13 लोगों की जान गई और कई लोग लापता हैं।
- बचाव कार्यों में सेना और पुलिस की मदद ली जा रही है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति गंभीर हो रही है।
- मौसम विज्ञान विभाग ने और भूस्खलन की चेतावनी दी।
नैरोबी, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केन्या में लगातार हो रही बारिश ने कई क्षेत्रों में आपदा का रूप ले लिया है। शनिवार सुबह पश्चिमी केन्या की रिफ्ट वैली में एक बड़े भूस्खलन ने लगभग 13 लोगों की जान ले ली। स्थानीय समाचार माध्यमों के अनुसार, इस घटना की जानकारी मिली है।
गृह मंत्री किपचुम्बा मुरकोमेन ने कहा कि बचाव कार्यों में सहायता के लिए सेना और पुलिस के हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
आंतरिक और राष्ट्रीय प्रशासन मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर की बारिश के कारण कई काउंटियों में जानमाल का नुकसान, चोटें और संपत्ति का विनाश हुआ है।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मुकुर्टवो में माचेम्बर सब-लोकेशन है, जहां शुक्रवार रात भारी बारिश के बाद एक बड़ा भूस्खलन हुआ। मंत्रालय के अनुसार यहां 13 शव बरामद किए गए हैं और लापता लोगों की खोज जारी है। उन्नीस लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि कई अन्य का इलाज चेसोंगोच मिशन हॉस्पिटल में चल रहा है।
भूस्खलन के कारण बचाव कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, जिससे मुख्य मार्ग बंद हो गए हैं, जिसमें कॉप्सोवार-चेसोई रोड भी पूरी तरह से बंद हो गया है। गृहमंत्री ने सोशल मीडिया पर मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
इस बीच, केन्या मौसम विज्ञान विभाग ने भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है, जिससे पहाड़ी और नदी वाले क्षेत्रों में अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
पिछले कुछ वर्षों में केन्या में भूस्खलन और बाढ़ के कारण सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति और गंभीर हो रही है।
पिछले साल मध्य केन्या में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में 61 लोग मारे गए थे।
मंत्रालय के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए हवाई सहायता, इमरजेंसी टीमें, और फर्स्ट रिस्पॉंडर्स तैनात किए गए हैं।