क्या 3240 अदालतों और 1272 जेलों में वीसी की सुविधा है, 3.81 करोड़ मामलों की ऑनलाइन सुनवाई हुई?
सारांश
Key Takeaways
- 3,240 अदालतों और 1,272 जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा।
- 3.81 करोड़ मामलों की ऑनलाइन सुनवाई।
- ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग।
- डिजिटल सेवाओं में वृद्धि और SMS और ईमेल का बड़ा उपयोग।
- ई-फाइलिंग और ई-पेमेंट की सुविधा।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकार ने गुरुवार को संसद में जानकारी दी कि देश की 3,240 अदालतों और 1,272 जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 30 सितंबर, 2025 तक 3.81 करोड़ मामलों की ऑनलाइन सुनवाई हो चुकी है।
कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में बताया कि ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के अंतर्गत विकसित सॉफ्टवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल की गई हैं। इसमें मशीन लर्निंग, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी तकनीकें भी प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग दस्तावेजों के अनुवाद, मामलों के पूर्वानुमान और विश्लेषण, प्रशासनिक कार्यों को बेहतर बनाने, स्वचालित फाइलिंग, स्मार्ट शेड्यूलिंग, केस से संबंधित जानकारी को सुधारने और चैटबॉट के माध्यम से बातचीत के लिए किया जा रहा है।
मेघवाल ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समयबद्ध और सरल बनाने के लिए ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के फेज-III के तहत लगभग 99.5 प्रतिशत कोर्ट परिसरों को 10 से 100 एमबीपीएस स्पीड वाले इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि केस इन्फॉर्मेशन सिस्टम 4.0 सभी अदालतों में लागू किया गया है और इसके लिए एक यूजर मैनुअल ऑनलाइन उपलब्ध है।
डिजिटल सेवाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रतिदिन 4 लाख से अधिक एसएमएस और 6 लाख से अधिक ईमेल भेजे जा रहे हैं। ई-कोर्ट्स पोर्टल पर हर दिन लगभग 35 लाख बार विजिट किया जा रहा है। अब तक मुकदमों से जुड़े व्यक्तियों और वकीलों को 14 करोड़ से अधिक एसएमएस भेजे जा चुके हैं।
राज्य मंत्री ने बताया कि ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के फेज-III के तहत 30 सितंबर, 2025 तक 29 वर्चुअल कोर्ट आरंभ की गई हैं। इन अदालतों में 8.96 करोड़ चालान आए, जिनमें से 7.84 करोड़ का निपटारा किया गया। 86.59 लाख चालानों का भुगतान हुआ, जिससे 895.59 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई।
मेघवाल ने कहा कि ई-कोर्ट्स सर्विसेज मोबाइल ऐप को अब तक 3.38 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है। यह ऐप वकीलों और आम जनता को केस की स्थिति और कॉज लिस्ट की जानकारी प्रदान करता है। वहीं, जस्टआईएस ऐप को 21,955 बार डाउनलोड किया गया है, जो जजों को कार्यवाही संभालने में मदद करता है।
उन्होंने बताया कि 11 हाईकोर्ट में अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो चुकी है। देश के 5,187 कोर्ट प्रतिष्ठान ई-फाइलिंग की सुविधा से जुड़े हैं। 30 सितंबर, 2025 तक 92.08 लाख मामले ऑनलाइन फाइल किए गए हैं। इसके अलावा, ई-पेमेंट सिस्टम के जरिए कोर्ट फीस के लिए 1,215.98 करोड़ रुपए और जुर्माने के लिए 61.97 करोड़ रुपए के लेनदेन किए गए हैं।