क्या मलेशिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगाने की तैयारी कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- मलेशिया बच्चों की सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगाने की योजना बना रहा है।
- यह निर्णय साइबरबुलिंग और अन्य ऑनलाइन अपराधों से बचाने के लिए लिया जा रहा है।
- मलेशिया के अलावा कई अन्य देशों ने भी बच्चों के लिए इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए हैं।
- सोशल मीडिया का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
- ऑस्ट्रेलिया में भी इसी तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के बाद, मलेशिया भी सोशल मीडिया पर बच्चों के लिए बैन लगाने की योजना बना रहा है। अगले वर्ष से, 16 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए सोशल मीडिया का उपयोग प्रतिबंधित किया जा सकता है। मलेशिया के अलावा भी कई अन्य देश हैं जहाँ बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर पाबंदियाँ लगाई गई हैं। इन देशों ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिजिटल प्लेटफार्मों तक उनकी पहुँच को सीमित करने का निर्णय लिया है।
मलेशिया के संचार मंत्री फहमी फदजिल ने रविवार को कहा कि सरकार ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में सोशल मीडिया पर उम्र संबंधी प्रतिबंधों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय युवाओं को साइबरबुलिंग, फाइनेंशियल स्कैम और बच्चों के यौन शोषण जैसे ऑनलाइन अपराधों से बचाने के लिए आवश्यक है।
मलेशिया की स्थानीय मीडिया द स्टार की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “हमें उम्मीद है कि अगले वर्ष तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स सरकार के उस निर्णय का पालन करेंगे, जिसमें 16 साल से कम उम्र के लोगों के यूजर अकाउंट खोलने पर रोक लगाई गई है।”
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सोशल मीडिया का प्रभाव दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है। चाहे टिकटॉक हो या स्नैपचैट, गूगल या फिर मेटा के सभी प्लेटफार्म (फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम), यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो रहा है। इन प्लेटफार्मों पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य संकट को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका में मामले भी चल रहे हैं।
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने से 16 साल से कम उम्र के सभी सोशल मीडिया यूजर्स के रजिस्टर्ड अकाउंट को डीएक्टिवेट किया जाएगा। इस पर पूरी दुनिया की नजर है।
मलेशिया हाल ही में सोशल मीडिया कंपनियों पर कड़ी निगरानी रख रहा है। उनका कहना है कि ऑनलाइन जुए और नस्ल, धर्म, और हानिकारक पोस्ट जैसे कंटेंट तेजी से बढ़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मलेशिया में 8 मिलियन से अधिक यूजर्स वाले प्लेटफार्मों और मैसेजिंग ऐप्स को जनवरी में लागू नए नियम के तहत लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।