क्या 'तीन तितलियां' एक क्रांति थीं? मीराबल सिस्टर्स के शहादत की अनकही कहानी
सारांश
Key Takeaways
- मीराबल सिस्टर्स ने अन्याय के खिलाफ खड़ा होने का साहस दिखाया।
- उनकी शहादत ने प्रतिरोध का एक नया अध्याय लिखा।
- उनका संघर्ष आज भी महिलाओं के अधिकारों की प्रतीक है।
- 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है।
- वे डोमिनिकन गणराज्य की राष्ट्रीय नायिकाएं हैं।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डोमिनिकन गणराज्य, 1960। एक ऐसा दौर जब बोलना गुनाह और सच कहना सजा बन गया था। तानाशाह राफेल तुजिलो के शासन में भय और दबाव का ऐसा वातावरण था कि लोग उनका नाम लेकर भी आलोचना करने से डरते थे। लेकिन इसी भय के बीच तीन साधारण बहनें असाधारण साहस के साथ खड़ी हुईं। उनके नाम थे पैट्रिया, मिनर्वा और मारिया टेरेसा मिराबल। ये किसी राजनीतिक परिवार की नहीं थीं, बल्कि एक मध्यवर्गीय किसान परिवार से थीं। इन बहनों में अन्याय के खिलाफ लड़ने का वह जज्बा था जो किसी बड़ी क्रांति को जन्म देने में सक्षम था।
जब इन बहनों ने तुजिलो की क्रूर नीतियों और मानवाधिकारों के उल्लंघन को देखा, तो चुप रहने के बजाय उन्होंने “प्रतिरोध” का मार्ग चुना। वे गुप्त संगठनों में शामिल हुईं और कैदियों तथा उत्पीड़ितों की आवाज़ बन गईं। उन्होंने अपने लिए एक कोड-नाम “ला मारिपोसा,” यानी “तितलियां” चुना, जो बाद में स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया।
उनकी सक्रियता तुजिलो के लिए चिंता का कारण बन गई। बहनों के पतियों को पहले ही जेल में डाल दिया गया था। 25 नवंबर 1960 को, जब वे अपने पतियों से मिलने जा रही थीं, शासन के एजेंटों ने उनके वाहन को रोक दिया। उन्हें बुरी तरह पीटा गया और हत्या कर दी गई। इस हत्या को “एक सड़क हादसा” बताने की कोशिश की गई। उनकी गाड़ी को पहाड़ी से गिरा दिया गया ताकि किसी को शक न हो।
लेकिन सच सबके सामने था। पूरे देश में गुस्सा भड़क उठा। उनकी हत्या मात्र तीन महिलाओं की मौत नहीं थी—यह पूरे समाज की आत्मा पर हमला था। इस घटना ने एक ऐसी चिंगारी जलाई जिसने अंततः तुजिलो के तख्त को जलाकर राख कर दिया। बहनों की शहादत जनता के लिए प्रतिरोध का आह्वान बन गई।
समय बीतता गया, लेकिन तितलियां जीवित रहीं—लोगों की उम्मीदों में, न्याय के सपनों में, आजादी की ख्वाहिशों में। 1960 के बाद, दुनिया ने उनकी शहादत के मायने समझे। महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई में वे प्रेरणा बन गईं। संयुक्त राष्ट्र ने 25 नवंबर को “अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस” घोषित किया ताकि महिलाएं कहीं भी अन्याय और हिंसा का सामना न करें और दुनिया मीराबल सिस्टर्स को हमेशा याद रखे।
आज उन्हें डोमिनिकन गणराज्य की राष्ट्रीय नायिकाएं माना जाता है। उनकी कहानियां किताबों में दर्ज हैं, स्मारक बनाए गए हैं, और कई देशों में उनका संघर्ष पढ़ाया जाता है।