क्या त्रिनिदाद ने 500 साल बाद रामलला की अयोध्या वापसी का स्वागत किया?

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क्या त्रिनिदाद ने 500 साल बाद रामलला की अयोध्या वापसी का स्वागत किया?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए अयोध्या में रामलला की वापसी का जिक्र किया। उन्होंने 500 साल बाद की इस ऐतिहासिक घटना के प्रति भारतीयों की श्रद्धा की सराहना की। जानें इस महत्वपूर्ण संबोधन में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • 500 साल बाद रामलला की अयोध्या में वापसी का ऐतिहासिक महत्व।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय की श्रद्धा की सराहना की।
  • राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का जल लाने की बात।
  • भारतीय संस्कृति की महक त्रिनिदाद में फैली हुई है।
  • मोदी जी ने साहस और संघर्ष की कहानी साझा की।

पोर्ट ऑफ स्पेन, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि 500 साल बाद अयोध्या में रामलला की वापसी का आपने गौरव के साथ स्वागत किया होगा। उन्होंने भारतीयों की श्री राम के प्रति श्रद्धा की प्रशंसा की। श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए आपने पवित्र जल और शिलाएं भेजी थीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं भी इसी तरह की भक्ति भावना के साथ कुछ लेकर आया हूं। मैं राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का पवित्र जल लाया हूँ।"

उन्होंने कहा, "सांग्रे ग्रांडे और डाउ गांव की राम-लीलाएं वास्तव में अद्वितीय हैं। श्री राम चरित मानस में कहा गया है, 'राम धामदा पुरी सुहावनी। लोक समस्त बिदित अति पावनी।।' इसका मतलब है, प्रभु श्री राम की नगरी इतनी सुंदर है कि इसकी महिमा दुनिया भर में फैली हुई है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी ने 500 साल बाद अयोध्या में राम लला की वापसी का बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया होगा।"

उन्होंने यह भी कहा, "प्रभु श्री राम कहते हैं कि अयोध्या की महिमा सरयू नदी से निकलती है। जो कोई भी डुबकी लगाता है, वह स्वयं श्री राम के साथ शाश्वत मिलन पाता है।"

पीएम मोदी ने आगे कहा, "आप सभी जानते हैं कि इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम, महाकुंभ, आयोजित हुआ था। मुझे महाकुंभ का जल भी अपने साथ लाने का सम्मान प्राप्त हुआ। मैं कमला प्रसाद-बिसेसर जी से अनुरोध करता हूं कि वे सरयू नदी और महाकुंभ का पवित्र जल यहाँ गंगा धारा में अर्पित करें। ये पवित्र जल त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों को आशीर्वाद दें।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं जानता हूं कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की कहानी साहस की कहानी है। आपके पूर्वजों ने कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने आशा के साथ मुश्किलों का सामना किया। वे गंगा और यमुना को पीछे छोड़ आए, लेकिन रामायण को अपने दिल में बसाए रखा। वे केवल प्रवासी नहीं थे, बल्कि एक अमर सभ्यता के दूत थे। उनके योगदान ने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध किया है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा संबंध भूगोल और पीढ़ियों से परे है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "कमला परसाद-बिस्सेसर जी, इस देश की पहली महिला प्रधानमंत्री। महामहिम क्रिस्टीन कार्ला कंगालू जी, महिला राष्ट्रपति। स्वर्गीय बसदेव पांडे, एक किसान के बेटे, जो प्रधानमंत्री बने और विश्व स्तर पर सम्मानित नेता रहे।"

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "गिरमिटिया के बच्चों, अब आपकी पहचान सिर्फ संघर्ष नहीं है। आपकी सफलता, सेवा और मूल्य आपको परिभाषित करते हैं। सचमुच, 'डबल्स' और 'दाल पूरी' में कुछ जादू है, क्योंकि आपने इस महान राष्ट्र की सफलता को दोगुना कर दिया है!"

उन्होंने कहा कि जब वह 25 साल पहले यहाँ आए थे, तो सभी लारा के कवर ड्राइव की प्रशंसा करते थे। आज, सुनील नरेन और निकोलस पूरन ही हैं जो हमारे युवाओं के दिलों में वही उत्साह जगाते हैं। तब से लेकर अब तक, हमारी दोस्ती और भी मजबूत हुई है।

उन्होंने कहा कि बनारस, पटना, कोलकाता, दिल्ली भारत के शहर हो सकते हैं, लेकिन यहाँ ये सड़कों के नाम भी हैं। नवरात्रि, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी यहाँ खुशी, उत्साह और गर्व के साथ मनाए जाते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "मैं कई परिचित चेहरों की गर्मजोशी देख सकता हूं। और मैं युवा पीढ़ी की चमकती आंखों में उत्सुकता देखता हूं, जो एक साथ जानने और बढ़ने के लिए उत्सुक हैं। वास्तव में, हमारे रिश्ते भूगोल और पीढ़ियों से कहीं आगे जाते हैं।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी का संबोधन न केवल भारतीय समुदाय के लिए, बल्कि त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह एक सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है जो समय और स्थान से परे है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद में क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में रामलला की वापसी का जिक्र करते हुए भारतीयों की श्रद्धा की सराहना की।
रामलला की वापसी का क्या महत्व है?
रामलला की वापसी भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रतीक है, जो 500 साल बाद अयोध्या में हुई।
मोदी जी ने कौन-सी चीजें त्रिनिदाद लाईं?
उन्होंने राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का पवित्र जल त्रिनिदाद लाने की बात कही।
मोदी जी ने त्रिनिदाद के लोगों से क्या कहा?
उन्होंने भारतीय समुदाय के साहस और संघर्ष के बारे में चर्चा की और उनके योगदान को सराहा।
महाकुंभ का क्या महत्व है?
महाकुंभ एक बड़ा आध्यात्मिक समागम है, जो विश्वभर में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता है।