क्या नेपाल में पुलिस की तैनाती से स्थिति में सुधार होगा?

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क्या नेपाल में पुलिस की तैनाती से स्थिति में सुधार होगा?

सारांश

काठमांडू में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। क्या पुलिस की तैनाती से स्थिति में सुधार होगा? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • काठमांडू में पुलिस की तैनाती से स्थिति पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
  • सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन किया।
  • सुरक्षा बलों ने संवेदनशील स्थानों पर तैनाती बढ़ाई है।
  • हिंसा अन्य शहरों में भी फैल गई है।

काठमांडू, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ ‘जेन-जी’ के विरोध-प्रदर्शन के पश्चात मंगलवार को पुलिस ने सुरक्षा के कड़ा इंतजाम किया है।

हर संवेदनशील स्थान पर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है, जो हर गतिविधि पर नज़र रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार को जिस स्थान से पथराव हुआ था, उस स्थान को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

इसके अतिरिक्त, वहां आम लोगों के आवागमन पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। हथियारों से लैस पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि स्थिति किसी भी सूरत में तनावग्रस्त न हो।

दुकानों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। सभी हिंसाग्रस्त इलाकों में दुकानें बंद हैं। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना न करे।

पुलिस ने सड़क पर पड़े सभी पत्थर हटा दिए हैं, ताकि स्थिति तनावग्रस्त न हो।

यह उल्लेखनीय है कि नेपाल में सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स समेत 26 प्लेटफार्मों पर बैन लगाया। इसका कारण यह बताया गया कि ये कंपनियां नेपाल में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाईं और फर्जी खातों से देश विरोधी गतिविधियां हो रही हैं।

युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला माना। काठमांडू के मैतीघर मंडला, बनेश्वर और सिंहदरबार इलाकों में हजारों युवा सड़कों पर उतरे हैं।

जानकारी के अनुसार, हिंसा काठमांडू से बाहर पोखरा, दमक, चितवन और रूपंदेही तक फैल गई। कई स्थानों पर सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ और वाहनों में आग लगाई गई है।

काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास के आसपास कर्फ्यू लगा दिया है। कई शहरों में सेना तैनात की गई है। घायलों का इलाज काठमांडू मेडिकल कॉलेज और एवरेस्ट हॉस्पिटल में चल रहा है।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि समाज में विरोध का होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह जरूरी है कि प्रशासन इस स्थिति में संयम दिखाए और युवाओं की आवाज़ को सुने।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

नेपाल में सोशल मीडिया बैन का कारण क्या है?
सरकार ने बैन का कारण बताया कि ये कंपनियां नेपाल में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाईं और देश विरोधी गतिविधियां हो रही हैं।
काठमांडू में पुलिस की तैनाती का असर क्या होगा?
पुलिस की तैनाती से स्थिति पर काबू पाने में मदद मिलेगी, लेकिन यह भी आवश्यक है कि प्रशासन संवाद स्थापित करे।