क्या पीएम नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को 'ट्यूमर' बताया?

Click to start listening
क्या पीएम नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को 'ट्यूमर' बताया?

सारांश

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु खतरों को 'ट्यूमर' बताते हुए कहा है कि हमने उसे हटा दिया है, लेकिन निगरानी आवश्यक है। यह बयान युद्धविराम के कुछ दिन बाद आया है।

Key Takeaways

  • ईरान के परमाणु और मिसाइल खतरों को ट्यूमर कहा गया है।
  • इजरायल और अमेरिका ने मिलकर निर्णायक परिणाम हासिल किए हैं।
  • नेतन्याहू ने निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया है।
  • ईरान की सब्र की परीक्षा ना लेने की बात कही गई है।
  • मध्य पूर्व में अब्राहम समझौते को आगे बढ़ाने का मौका मिला है।

वाशिंगटन, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के साथ युद्धविराम की घोषणा के कुछ दिन बाद, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। नेतन्याहू ने कहा कि हमने ईरान के परमाणु और मिसाइल खतरों के ‘ट्यूमर’ को हटा दिया है, लेकिन निगरानी आवश्यक है।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और मेरे बीच (इजरायल और अमेरिका के बीच साझेदारी) की साझेदारी ने एक ऐतिहासिक जीत प्राप्त की है।"

उन्होंने कहा, "अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान के खिलाफ निर्णायक परिणाम हासिल किए हैं।"

नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ डिनर से पहले पत्रकारों से कहा, "हमने इजरायल की जान को खतरे में डालने वाले दो ट्यूमर (परमाणु ट्यूमर और बैलिस्टिक मिसाइल ट्यूमर) को कुछ हद तक रोक दिया है।"

नेतन्याहू ने कहा, "वे लोग ऐसी 20,000 चीजें (मिसाइलें) बनाने और उन्हें न्यू जर्सी जैसे छोटे देश पर छोड़ने की योजना बना रहे थे। कोई भी देश इतना हमला सहन नहीं कर सकता। जब आपके सामने दो ऐसी चीजें हों जो आपको मार सकती हैं, तो आपको क्या करना चाहिए? आपको उन्हें हटाना होगा और हमने अपने संयुक्त प्रयास से ऐसा किया।"

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेतावनी दी, "जब आप एक ट्यूमर को हटाते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह दोबारा नहीं आ सकता। आपको हालात पर लगातार नजर रखनी चाहिए, ताकि कोई उसे वापस लाने की कोशिश न कर सके।"

उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों ने मध्य पूर्व की तस्वीर बदल दी है और इससे इजरायल और उसके अरब व मुस्लिम पड़ोसियों के बीच अब्राहम समझौते को आगे बढ़ाने का मौका मिला है।

उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि ईरान हमारी सब्र की परीक्षा नहीं लेगा, क्योंकि यह उनकी गलती होगी।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे ईरान में सत्ता परिवर्तन का समर्थन करते हैं, तो नेतन्याहू ने उत्तर दिया, "यह ईरान के लोगों पर निर्भर करता है।"

Point of View

इजरायल का दृष्टिकोण हमेशा से ही अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना रहा है। इस सन्दर्भ में, अमेरिका के साथ उनकी साझेदारी भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

ईरान के परमाणु खतरे का क्या मतलब है?
ईरान के परमाणु खतरे का मतलब है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के माध्यम से अन्य देशों के लिए खतरा बन सकता है।
क्या नेतन्याहू का बयान ईरान पर प्रभाव डालेगा?
हां, नेतन्याहू का बयान ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश है और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी संकेत देता है।