क्या नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने शी जिनपिंग से मिलकर लिपुलेख दर्रे के मुद्दे पर विरोध जताया?

सारांश
Key Takeaways
- नेपाल के प्रधानमंत्री ने चीन में शी जिनपिंग से मुलाकात की।
- उन्होंने लिपुलेख दर्रे पर भारत-चीन समझौते पर आपत्ति जताई।
- बैठक में मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
- एससीओ समिट में हिस्सा लिया गया।
- चीन-नेपाल संबंधों की दिशा में नई संभावनाएं खुली हैं।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली वर्तमान में चीन के दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने लिपुलेख दर्रे को व्यापार मार्ग के रूप में विकसित करने के भारत-चीन समझौते पर अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ओली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में भाग लेने के लिए चीन में हैं। इस दौरान उन्होंने नेपाल और चीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर सहमति जताई।
ओली ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर शी जिनपिंग से मुलाकात की तस्वीर साझा की और लिखा, "प्रधानमंत्री केपी ओली ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक की और विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ओली ने लिपुलेख दर्रे को व्यापार मार्ग के रूप में विकसित करने के भारत-चीन समझौते पर अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त की।"
इससे पहले, उन्हें अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ तियानजिन एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया था, जिसका आभार उन्होंने सोशल मीडिया पर व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "नमस्ते तियानजिन! मेरे प्रतिनिधिमंडल के आगमन पर मिले गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं अत्यंत प्रभावित हूं। तियानजिन बिन्हाई हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत के लिए मैं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सीमा शुल्क प्रशासन मंत्री एवं सचिव सुन मीजुन और तियानजिन पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्ष यू युनलिन का आभारी हूं।"
गौरतलब है कि एससीओ एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी। इसके सदस्य देशों में चीन, रूस, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं।
एससीओ के दो पर्यवेक्षक अफगानिस्तान और मंगोलिया हैं, जबकि इसके 14 संवाद साझेदार देशों में तुर्की, कुवैत, अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया और नेपाल शामिल हैं। इसके अलावा, श्रीलंका, सऊदी अरब, मिस्र, कतर, बहरीन, मालदीव, म्यांमार और संयुक्त अरब अमीरात भी एससीओ के संवाद साझेदार हैं।