क्या पाकिस्तान में ख्वाजा आसिफ ने सेना के हाथ में सत्ता का रिमोट कंट्रोल स्वीकार किया?
सारांश
Key Takeaways
- सेना का राजनीतिक नियंत्रण महत्वपूर्ण है।
- आईएसआई की भूमिका स्पष्ट हुई है।
- ख्वाजा आसिफ ने साजिशों का जिक्र किया।
- राजनीतिक विरोधियों को धमकाना और जेल में डालना एक मुद्दा है।
- यह बयान पाकिस्तान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नई दिल्ली, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के लिए यह कोई नई बात नहीं है। सत्ता का रिमोट कंट्रोल हमेशा से सेना के हाथ में रहा है, और इस देश की राजनीति और इतिहास को समझने वाले लोग इसे भली-भांति जानते हैं। भले ही वहां के नेता कैमरे के सामने खुलकर नहीं बोलते, लेकिन पहली बार पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जो बातें की हैं, वे सेना और आईएसआई के सत्ता में दखल को स्पष्ट करती हैं।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को २०१७ में सत्ता से हटाने के लिए पूर्व जासूस प्रमुख फैज हमीद को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनके खिलाफ जल्द ही और आरोप लगाए जाएंगे।
सियालकोट में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मंत्री ने कहा, "आईएसआई के एक पूर्व प्रमुख को १५ महीने तक चले ट्रायल में दोषी ठहराया गया है; और भी आरोप हैं जिन पर जल्द कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।"
उन्होंने पूर्व जासूस प्रमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि नवाज को एक "साजिश" के तहत हटाया गया था।
आसिफ ने कहा, "नवाज को हटाने, उनके खिलाफ मामलों, आरोपों और इमरान खान के सत्ता में आने की पूरी योजना फैज हमीद की देखरेख में बनाई गई थी।"
उन्होंने कहा कि हमीद और उनके "साथी" इमरान ने देश को "काफी नुकसान" पहुंचाया। आसिफ ने कहा कि हमीद "प्रोजेक्ट इमरान के इंचार्ज" थे, और २०१८ के आम चुनावों का उल्लेख किया। मंत्री ने कहा, "फैज उस सरकार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा थे।"
उन्होंने इस बात को भी याद दिलाया कि पीटीआई कार्यकाल के दौरान, पूर्व जासूस प्रमुख ने "विरोधियों को जेल में डालने" में मदद की।
उन्होंने कहा, "वह राजनीतिक विरोधियों को धमकाते और जेल में डालते थे," इस पर जोर देते हुए कि इमरान का "विजन" हमीद के माध्यम से साकार हुआ। मंत्री ने आरोप लगाया कि हमीद के मुख्य लाभार्थी इमरान थे।
मंत्री ने इस समय को देश के इतिहास में एक "शर्मनाक" अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि "इमरान को सत्ता में लाना, नवाज शरीफ के खिलाफ मामले दर्ज करना, उन्हें देश से बाहर निकालना, और उनके परिवार और पार्टी के नेताओं को जेल में डालना, यह सब एक ही साजिश का हिस्सा था, और इसका मास्टरमाइंड जनरल फैज थे। इस पूरी साजिश से इमरान को ही लाभ मिला।"
आसिफ ने कहा कि पूर्व आईएसआई प्रमुख को "इमरान के माध्यम से पाकिस्तान पर शासन करने का अवसर दिया गया था।"
मंत्री ने कहा कि आईएसआई में पूर्व जासूस प्रमुख के कार्यकाल के दौरान, यह संस्थान संसद को कानून बनाने के लिए "निर्देश" देता था। उन्होंने कहा, "देश के भविष्य के निर्णय प्रधानमंत्री के घर के पिछले हिस्से में लिए जाते थे।"
उन्होंने बताया कि आईएसआई प्रमुख के "ट्रांसफर" के बाद, हमीद का प्रोजेक्ट धीरे-धीरे "बेदम" होने लगा।
आसिफ ने आगे कहा, "फिर, कॉर्प्स कमांडर के तौर पर उन्होंने इमरान को समर्थन देना जारी रखा और ९ मई के दंगे करवाए गए। यह फैज का आइडिया था।"
ख्वाजा आसिफ का यह बयान एक तरह से पाकिस्तानी नेताओं का कबूलनामा है। उन्होंने स्वीकार किया है कि सेना या आईएसआई के हाथ में सत्ता की चाबी होती है और समय-समय पर वे इसका इस्तेमाल अपने अनुसार करते रहते हैं। अयूब, याह्या, जिया, और मुशर्रफ इसके बड़े उदाहरण हैं।