क्या पाकिस्तान ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया?

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क्या पाकिस्तान ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया?

सारांश

पाकिस्तान ने हाल के अमेरिकी हमले की निंदा की और ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। इस बयान में क्षेत्र में बढ़ते तनाव की चिंता व्यक्त की गई है, और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने का आग्रह किया गया है। क्या ये घटनाएँ क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करेंगी?

Key Takeaways

  • पाकिस्तान ने अमेरिका के हमले की निंदा की है।
  • ईरान के पास आत्मरक्षा का अधिकार है।
  • अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन अनिवार्य है।
  • तनााव का प्रभाव क्षेत्र में पड़ सकता है।
  • संवाद और कूटनीति महत्वपूर्ण हैं।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान ने ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले की निंदा की है। क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका जताते हुए पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान के पास आत्मरक्षा का अधिकार है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने रविवार को अपने बयान में कहा, " इजरायल के बाद अमेरिका की ओर से ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर किए हमलों की पाकिस्तान निंदा करता है। हम इस क्षेत्र में तनाव के और बढ़ने की आशंका से बेहद चिंतित हैं। हम दोहराते हैं कि यह हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हैं। ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत खुद का बचाव करने का वैध अधिकार है।"

बयान में आगे कहा गया, "ईरान के खिलाफ चल रहे आक्रमण के कारण तनाव और हिंसा में वृद्धि बेहद परेशान करने वाली है। तनाव बढ़ने से क्षेत्र और उससे परे गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेंगे। हम लोगों के जीवन और संपत्तियों का सम्मान करने और संघर्ष को तुरंत खत्म करने की अनिवार्य आवश्यकता पर जोर देते हैं।"

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, "सभी पक्षों को अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के अनुरूप संवाद और कूटनीति ही इस क्षेत्र में संकट का समाधान निकालने का एकमात्र व्यावहारिक मार्ग है।"

अमेरिका ने भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4.30 बजे ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया। इनमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं।

इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान पिछले 40 साल से अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि हमले के पीछे का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को बर्बाद करना था।

पाकिस्तान का यह बयान इसलिए हैरान करने वाला है क्योंकि एक दिन पहले ही उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की वकालत की थी।

Point of View

एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में, हम यह मानते हैं कि सभी देशों को एक-दूसरे के संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। पाकिस्तान का यह बयान दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों की जटिलता को समझना कितना महत्वपूर्ण है। हमें एक शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान निकालने की आवश्यकता है।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान ने अमेरिका के हमले पर क्या कहा?
पाकिस्तान ने अमेरिका के हमले की निंदा की है और ईरान के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है।
अमेरिका ने ईरान के कौन-कौन से स्थानों पर हमला किया?
अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और एस्फाहान न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया।
पाकिस्तान का यह बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
पाकिस्तान का यह बयान क्षेत्रीय तनाव के बढ़ने की चिंता को दर्शाता है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की ओर संकेत करता है।