क्या भारत की समुद्री सुरक्षा में ‘तमाल’ युद्धपोत का योगदान महत्वपूर्ण होगा?

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क्या भारत की समुद्री सुरक्षा में ‘तमाल’ युद्धपोत का योगदान महत्वपूर्ण होगा?

सारांश

क्या भारतीय नौसेना के नए युद्धपोत ‘तमाल’ के शामिल होने से समुद्री सुरक्षा में सुधार होगा? जानिए इस अत्याधुनिक युद्धपोत की क्षमताएं और इसका महत्व।

Key Takeaways

  • तमाल भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत है।
  • यह 1 जुलाई को कमीशन होगा।
  • इसमें 26 स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं।
  • यह युद्धपोत समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। रूस के कालिनिनग्राद में निर्मित नवीनतम स्टिल्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट ‘तमाल’ भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा है। तमाल, जो कि भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत है, 1 जुलाई को नौसेना में कमीशन किया जाएगा। भारतीय नौसेना इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

‘तमाल’ भारत द्वारा रूस से प्राप्त की गई क्रिवाक क्लास के युद्धपोतों की श्रृंखला का आठवां और तुशील क्लास का दूसरा युद्धपोत है। यह तुशील क्लास, पूर्ववर्ती तलवार और टेग क्लास का उन्नत संस्करण है।

इस परियोजना के अंतर्गत भारत में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में रूसी तकनीक और डिजाइन सहयोग से त्रिपुट क्लास के दो फ्रिगेट्स का निर्माण किया जा रहा है। इस श्रृंखला के पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना के पास समान क्षमताओं वाले 10 युद्धपोत होंगे।

नौसेना के अनुसार, युद्धपोत तमाल का निर्माण रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में किया गया है। यह विदेश से प्राप्त होने वाला अंतिम युद्धपोत होगा, जो सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है। इस युद्धपोत में 26 स्वदेशी उपकरण शामिल हैं, जिनमें समुद्र और जमीन पर लक्ष्य भेदने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल है।

यहां तमाल की क्षमताओं की बात करें तो इसमें वर्टिकल लॉन्च सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत 100 मिमी गन, अत्याधुनिक सिस्टम, हेवीवेट टॉरपीडो और त्वरित हमला करने वाले एंटी-सबमरीन रॉकेट शामिल हैं। इसके अलावा, यह अत्याधुनिक युद्धपोत नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर क्षमता और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस है। यह 30 नॉट्स से अधिक की गति और लंबी समुद्री दूरी तक संचालन कर सकता है।

नौसेना के मुताबिक, तमाल नाम देवताओं के राजा इंद्र की युद्ध में इस्तेमाल होने वाली मायथिकल तलवार से प्रेरित है। इसका शुभंकर भारत के पौराणिक जाम्बवन्त और रूस के राष्ट्रीय पशु यूरेशियन ब्राउन बियर के संगम से प्रेरित है। क्रू दल को ‘द ग्रेट बीयर’ कहा जाता है। जहाज का ध्येय वाक्य है- ‘सर्वदा सर्वत्र विजय’ (हर समय, हर स्थान पर विजय)।

इस युद्धपोत में 250 से अधिक नौसैनिक हैं, जिन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग और कालिनिनग्राद की कठोर सर्दियों में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। तमाल ने बीते तीन महीनों में कई गहन समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। तमाल, भारतीय और रूसी युद्धपोत निर्माण की सर्वोत्तम तकनीकों का प्रतीक है।

यह भारत-रूस की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करेगा। कमीशन के बाद, यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल होकर भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूती देगा।

Point of View

बल्कि यह भारत की समुद्री रणनीति को और मजबूत करेगा। यह भारतीय नौसेना की क्षमताओं को नया आयाम देगा।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

युद्धपोत ‘तमाल’ कब कमीशन होगा?
युद्धपोत ‘तमाल’ 1 जुलाई को भारतीय नौसेना में कमीशन होगा।
‘तमाल’ युद्धपोत की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
यह युद्धपोत स्वदेशी उपकरणों से लैस है, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं।
क्या ‘तमाल’ भारत-रूस सहयोग का प्रतीक है?
हाँ, यह युद्धपोत भारत-रूस की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करेगा।