क्या भारत ईरान-इजरायल युद्ध को जल्द समाप्त करने में सफल होगा? - डिफेंस एक्सपर्ट ध्रुव कटोच

सारांश
Key Takeaways
- भारत ईरान-इजरायल संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है।
- अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया है।
- भारत दोनों देशों के लिए शांति का समर्थक है।
- ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं।
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत का प्रयास महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष पर डिफेंस एक्सपर्ट ध्रुव कटोच का कहना है कि भारत युद्ध को शीघ्र समाप्त होते देखना चाहता है। ईरान और इजरायल के बीच तनाव के बीच, अमेरिका भी इस संघर्ष में शामिल हो गया है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप रविवार सुबह ईरान ने इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी।
ध्रुव कटोच के अनुसार, भारत का दोनों देशों के साथ अच्छा संबंध है, इसलिए वह शांति की कामना करता है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से कहा, "भारत शांति के पक्ष में है। हम न तो ईरान के पक्ष में हैं, न इजरायल के पक्ष में हैं। हमारा लक्ष्य शांति है। भारत के प्रधानमंत्री और डिप्लोमेट्स की कोशिश है कि इस युद्ध को जल्दी समाप्त किया जाए।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत और इजरायल के रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं। जब भी भारत को समस्या हुई, इजरायल ने मदद की है। इसलिए भारत किसी एक का पक्ष नहीं ले रहा है। वह शांति की कामना करता है। हालांकि, यह केवल भारत के कहने से नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि यह स्थिति कुछ समय तक बनी रहेगी, जिसके बाद शांति स्थापित होगी। वेस्ट एशिया से भारत में तेल आता है। ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति भी वहीं से होती है। यदि इन हमलों के बीच इनकी आपूर्ति में बाधा आई, तो कीमतें बढ़ सकती हैं।"
डिफेंस एक्सपर्ट के अनुसार, "अमेरिका ने साफ चेतावनी दी थी कि अगर ईरान ने अपनी गतिविधियाँ नहीं रोकी, तो वह उसके परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाएगा। शनिवार रात, उन्होंने बी-52 बॉम्बर्स और सबमरीन-लॉन्च मिसाइलों का उपयोग करके तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया, जिससे ईरान की परमाणु सुविधाओं को काफी नुकसान हुआ।"
वहीं, डिफेंस एक्सपर्ट संजय कुलकर्णी ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "जिस तरह अमेरिका ने ईरान की तीनों न्यूक्लियर साइट्स को नष्ट किया, उसका उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना था। यह उद्देश्य पूरा हो गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "यदि वे सत्ता परिवर्तन चाहते हैं, तो वह बाद की बात है। इसके लिए ईरानी लोगों को साथ लेकर चलना होगा, लेकिन इजरायल का जो अस्तित्व का खतरा था, वह अब समाप्त हो गया है, क्योंकि ईरान की परमाणु क्षमता नष्ट हो चुकी है।"