क्या पीएम मोदी ने पांच देशों की यात्रा में नई ऊंचाइयां हासिल की?

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क्या पीएम मोदी ने पांच देशों की यात्रा में नई ऊंचाइयां हासिल की?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की यात्रा ने भारतीय कूटनीति में एक नई पहचान बनाई है। इस यात्रा में मिली उपलब्धियों और सम्मानों ने भारत का वैश्विक स्तर पर मान बढ़ाया है। जानें इस यात्रा की विशेषताएँ!

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 17 विदेशी संसदों में भाषण दिए।
  • घाना में 'ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किए गए।
  • ब्राजील में 'ग्रैंड कॉलर' से नवाजा गया।
  • त्रिनिदाद एंड टोबैगो में 180 साल का उत्सव मनाया गया।
  • नामीबिया में सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त किया।

नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पूरी करके गुरुवार को भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी की यह यात्रा बेहद सफल रही है।

पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अब तक 17 विदेशी संसदों में भाषण दिए, जो कांग्रेस के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के रिकॉर्ड के बराबर है।

यह उपलब्धि उन्होंने जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और नामीबिया में दिए गए हालिया भाषणों के साथ प्राप्त की है।

यह वैश्विक सक्रियता बताती है कि पीएम मोदी भारत के सबसे सक्रिय नेताओं में से एक हैं।

कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने कई दशकों में यह उपलब्धि हासिल की थी, जिसमें मनमोहन सिंह ने सात बार, इंदिरा गांधी ने चार बार, जवाहरलाल नेहरू ने तीन, राजीव गांधी ने दो और पी.वी. नरसिम्हा राव ने एक बार भाषण दिया था।

पीएम मोदी ने केवल एक दशक में यह संख्या हासिल की है, जो भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाता है। उनकी हालिया यात्रा न केवल अफ्रीका और कैरिबियन देशों के साथ भारत के नए संबंधों को दर्शाती है, बल्कि ग्लोबल साउथ में भारत की आवाज की गूंज को भी उजागर करती है।

पीएम मोदी को घाना में 'ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया, जो 30 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।

इसके अलावा, ब्राजील ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस' से नवाजा। पिछले शुक्रवार को पीएम मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की दो दिवसीय यात्रा के दौरान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' सम्मान से नवाजा गया। वे इसे प्राप्त करने वाले पहले विदेशी नेता बने हैं।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस' से भी सम्मानित किया गया। यह पीएम मोदी का 27वां वैश्विक सम्मान है, जो इस पांच देशों की यात्रा के दौरान मिला।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो में उन्होंने भारतीयों के आगमन के 180 साल पूरे होने के उत्सव के दौरान संसद को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में विकासशील देशों के प्रति भारत के निरंतर समर्थन का उल्लेख किया।

त्रिनिदाद एंड टोबैगो में वे 1968 में भारत द्वारा दी गई स्पीकर की कुर्सी के सामने खड़े थे, जिसे उन्होंने समय की कसौटी पर खरी उतरने वाली दोस्ती का प्रतीक बताया।

नामीबिया की संसद ने उनसे लोकतांत्रिक मूल्यों, तकनीकी साझेदारी और स्वास्थ्य व डिजिटल बुनियादी ढांचे में साझा आकांक्षाओं के बारे में बात की थी।

जब उन्हें नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला, तो पार्लियामेंट रूम 'मोदी, मोदी' के नारे से गूंज उठा। यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं है बल्कि यह वैश्विक कूटनीति में भारत के बढ़ते रसूख को दर्शाती है।

Point of View

पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की कूटनीतिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल भारत के लिए नए रिश्तों को स्थापित करती है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की आवाज को मजबूत करती है।
NationPress
22/07/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत के नए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को स्थापित करना और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना था।
पीएम मोदी को कौन-कौन से सम्मान मिले?
पीएम मोदी को घाना में 'ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना', ब्राजील में 'ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस', और त्रिनिदाद एंड टोबैगो में 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक' जैसे सम्मान मिले।
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कितने भाषण दिए?
पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान 17 विदेशी संसदों में भाषण दिए।
इस यात्रा का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस यात्रा का भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।
पीएम मोदी की यह यात्रा कितने देशों में थी?
यह यात्रा पांच देशों - घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया में थी।