क्या प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुलअजीज के निधन पर शोक व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने शेख के निधन पर शोक व्यक्त किया।
- शेख का योगदान सऊदी समाज में अद्वितीय था।
- उनका निधन सऊदी अरब की धार्मिक व्यवस्था के लिए एक बड़ा नुकसान है।
- जनाजे की नमाज कई मस्जिदों में अदा की जाएगी।
नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती और वरिष्ठ विद्वानों की परिषद के प्रमुख शेख अब्दुलअजीज बिन अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल अलशेख के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही, उन्होंने सऊदी अरब के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं भी प्रकट की हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुलअजीज के दुखद निधन पर मेरी गहरी संवेदना। इस कठिन समय में मेरी प्रार्थनाएं सऊदी अरब और उसके लोगों के साथ हैं।"
शेख का निधन मंगलवार को ८२ वर्ष की आयु में हुआ था। सऊदी अरब के शाही दरबार ने स्थानीय समय के अनुसार एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की।
शेख अब्दुलअजीज का जन्म ३० नवंबर १९४३ को मक्का में हुआ। ७ वर्ष की आयु में वे अनाथ हो गए, लेकिन छोटी उम्र में ही उन्होंने कुरान को कंठस्थ कर लिया। २० वर्ष की आयु में अपनी आंखों की रोशनी खोने के बावजूद उन्होंने अपनी धार्मिक शिक्षा जारी रखी और बाद में शरिया का उन्नत अध्ययन किया।
देश के शीर्ष मौलवी पद पर पहुंचने से पहले उन्होंने सऊदी विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक परिषदों में भी कार्य किया।
उन्हें १९९९ में ग्रैंड मुफ्ती नियुक्त किया गया, जिसके बाद वे सऊदी अरब के सर्वोच्च धार्मिक प्राधिकारी बन गए। उन्होंने फतवे जारी किए और देश की न्यायिक व्यवस्था को दिशा दी, जिससे दो दशकों से अधिक समय तक सऊदी समाज को आकार मिला।
उनकी जनाजे की नमाज अस्र की नमाज के बाद रियाद स्थित इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद में पढ़ी जाएगी। शाही आदेश के अनुसार, मक्का स्थित ग्रैंड मस्जिद, मदीना, और सऊदी अरब की अन्य मस्जिदों में जनाजे की नमाज अदा की जाएगी।