क्या भगवान बुद्ध के विचारों में वो शक्ति है, जो देशों, संस्कृतियों और लोगों को एक सूत्र में बांधती है? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- भगवान बुद्ध के विचारों में शक्ति है जो मानवता को एकजुट करती है।
- वियतनाम में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के प्रति गहरी श्रद्धा है।
- भारत की पहल ने सांस्कृतिक बंधन को और मजबूत किया है।
- बौद्ध स्थलों की यात्रा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।
- भगवान बुद्ध के विचारों का महत्व विश्व स्तर पर है।
नई दिल्ली, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 123वें एपिसोड में भगवान बुद्ध के विचारों की शक्ति पर प्रकाश डाला, जो विभिन्न देशों, संस्कृतियों और लोगों को एकजुट करने का कार्य करती है। पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में मुझे वियतनाम के कई लोगों ने विभिन्न माध्यमों से अपने संदेश भेजे। इन संदेशों की हर पंक्ति में श्रद्धा और आत्मीयता थी। उनकी भावनाएं मन को छू लेने वाली थीं। वे लोग भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन कराने के लिए भारत के प्रति आभार प्रकट कर रहे थे। उनके शब्दों में जो भाव था, वह किसी औपचारिक धन्यवाद से कहीं बढ़कर था।
पीएम ने कहा कि भगवान बुद्ध के इन पवित्र अवशेषों की खोज आंध्र प्रदेश के पालनाडू जिले के नागार्जुनकोंडा में हुई थी। यह स्थान बौद्ध धर्म से गहराई से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहां श्रीलंका और चीन जैसे दूर-दूर के लोग आते थे। पिछले महीने, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भारत से वियतनाम ले जाया गया था। वहां इन्हें 9 विभिन्न स्थानों पर जनता के दर्शन के लिए रखा गया। भारत की यह पहल वियतनाम में एक राष्ट्रीय उत्सव की तरह बन गई। आप सोच सकते हैं, लगभग 10 करोड़ की आबादी वाले वियतनाम में 1.5 करोड़ से अधिक लोगों ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन किए।
सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें और वीडियो मैंने देखे, उन्होंने यह अहसास कराया कि श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती। बारिश हो या तेज धूप, लोग घंटों कतार में खड़े रहे। बच्चे, बुजुर्ग, दिव्यांग सभी भाव-विभोर थे। पीएम मोदी ने कहा कि वियतनाम के राष्ट्रपति, उप-प्रधानमंत्री, और वरिष्ठ मंत्री, सभी नत-मस्तक थे। वहां के लोगों में इस यात्रा के प्रति सम्मान इतना गहरा था कि वियतनाम सरकार ने इसे 12 दिन के लिए और बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे भारत ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
पीएम ने कहा कि भगवान बुद्ध के विचारों में वह शक्ति है, जो देशों, संस्कृतियों और लोगों को एक सूत्र में बांधती है। इससे पहले भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष थाईलैंड और मंगोलिया ले जाए गए थे, और वहां भी श्रद्धा का यही भाव देखा गया। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि अपने राज्य के बौद्ध स्थलों की यात्रा अवश्य करें। यह एक आध्यात्मिक अनुभव होगा और हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का एक अद्भुत अवसर भी बनेगा।