क्या रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की ब्रिटेन के रक्षा राज्य मंत्री संग द्विपक्षीय बैठक ने सहयोग को मजबूत किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-यूके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा
- समुद्री अभ्यास 'कोंकण-25' की सफलता
- रक्षा उपकरण निर्माण में आत्मनिर्भरता पर जोर
- वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में साझेदारी
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने शुक्रवार को यूनाइटेड किंगडम के रक्षा राज्य मंत्री लॉर्ड वर्नन कोकर के साथ एक द्विपक्षीय बैठक का आयोजन किया। यह बैठक यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की भारत यात्रा के अवसर पर आयोजित की गई थी। इस दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की।
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच चल रहे रक्षा सहयोग कार्यक्रमों को और अधिक मजबूत और विस्तारित करने के उपायों पर चर्चा की। रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने यह बताते हुए संतोष व्यक्त किया कि 'प्रिंस ऑफ वेल्स' के नेतृत्व में यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने हाल ही में भारत के पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास 'कोंकण-25' के समुद्री चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
उन्होंने बताया कि सीएसजी वर्तमान में गोवा और मुंबई में हार्बर फेज की गतिविधियों में भाग ले रहा है, जो दोनों नौसेनाओं के बीच संचालनिक तालमेल और सहयोग को और मजबूत करेगा।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि इस प्रकार के संचालनिक संवाद और अभ्यास दोनों नौसेनाओं और देशों के बीच की पारस्परिक समझ को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, इंटरऑपरेबिलिटी को भी सशक्त बनाते हैं। बैठक में दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में रक्षा उपकरण निर्माण पर बातचीत की।
दोनों मंत्रियों ने भारतीय स्वदेशी प्रणालियों के विकास में हो रही प्रगति पर भी चर्चा की है। भारत और यूके ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग के सभी पहलुओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। विशेष रूप से वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में साझेदारी और निवेश के अवसरों पर बल दिया गया। दोनों पक्षों ने कहा कि यह सहयोग न केवल दोनों देशों की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि उद्योगों के बीच नवाचार, अनुसंधान और उत्पादन में भी नई संभावनाएं खोलेगा। दोनों मंत्रियों ने इंडो-पैसिफिक और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर बात की। ऐसी व्यवस्था के समर्थन में नौवहन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया। बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी और 'इंडिया-यूके विजन 2035' के तहत मजबूत, बहुआयामी और परस्पर लाभकारी रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को दोहराया।
महत्वपूर्ण है कि 'इंडिया-यूके विजन 2035' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई में यूनाइटेड किंगडम यात्रा के दौरान अपनाया गया था। यह बैठक भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच रक्षा सहयोग, औद्योगिक साझेदारी और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में गहराई बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि पारस्परिक विश्वास, औद्योगिक समन्वय और रणनीतिक साझेदारी के बल पर भारत-यूके संबंधों को आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाएगा।