क्या रूस नए यूक्रेन शांति योजना पर विस्तार से चर्चा करने के लिए तैयार है?
सारांश
Key Takeaways
- रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की प्रक्रिया में गहराई से विचार करना आवश्यक है।
- 28 बिंदुओं वाली शांति योजना का उद्देश्य युद्ध को समाप्त करना है।
- पुतिन ने इस योजना पर चर्चा के लिए अपनी तत्परता जताई है।
- यूक्रेन की स्थिति अभी भी अनिश्चित है।
- अमेरिका से सुरक्षा गारंटी मिलना एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
मॉस्को, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने 28 बिंदुओं वाला शांति योजना प्रस्तुत किया है। इस पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पुतिन ने कहा कि रूस अमेरिका के द्वारा प्रस्तावित इस 28-पॉइंट शांति योजना के विवरण पर बातचीत के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस को इस योजना की जानकारी अमेरिकी सरकार के साथ मौजूदा संवाद चैनलों के माध्यम से मिली है। उन्होंने कहा कि यह एक फाइनल शांति समझौते का आधार बन सकता है।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने कहा कि मॉस्को शांति वार्ता और समस्याओं के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ प्रस्तावित योजना के सभी विवरणों पर ठोस चर्चा के लिए तैयार है।
याद रहे कि इस वर्ष अगस्त में अमेरिका के अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा की थी। लेकिन, बातचीत का कोई ठोस हल नहीं निकला और तब से यह मुद्दा ठहरा हुआ है।
वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने देशवासियों से कहा था कि यूक्रेन अपने इतिहास के कुछ सबसे कठिन फैसलों का सामना कर रहा है। अमेरिका द्वारा तैयार की गई इस नई 28-पॉइंट शांति योजना पर सहमति बनाना उनके देश के लिए एक चुनौती बन रहा है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन अब अपनी इज्जत और एक महत्वपूर्ण साझेदार को खोने के बीच एक विकल्प का सामना कर रहा है। यह संकेत करते हुए कि यह अमेरिका की ओर देख रहा है।
ध्यान रहे, ट्रंप सरकार की यह 28 बिंदुओं वाली योजना लीक हो गई है। इस शांति योजना में कई ऐसे मुद्दे शामिल हैं, जिन्हें यूक्रेन पहले से ही अस्वीकार करता आया है।
योजना के अनुसार, कीव पूर्वी यूक्रेन के डनिट्रक क्षेत्र के उन बड़े इलाकों को छोड़ देगा, जिन पर उसका कब्जा है। इसके अलावा, वह अपने सैनिकों की संख्या भी कम करेगा। इस योजना का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न होने का वादा करेगा, लेकिन जेलेंस्की ने पहले ही इससे मना कर दिया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप की यह योजना यूक्रेन द्वारा स्वीकार की जाती है या नहीं।
शांति योजना के अनुसार, यूक्रेन के क्रीमिया, लुहांस्क और डोनेट्रक क्षेत्रों को वास्तविक रूप से रूस का हिस्सा मान लिया जाएगा। इसमें अपनी सेना की संख्या कम करने और समय के साथ मॉस्को पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का भी प्रस्ताव है। यूक्रेन को 100 दिनों में चुनाव कराना होगा और नाटो सदस्यता की किसी भी उम्मीद को छोड़ना होगा।
यूक्रेन को अमेरिका से सुरक्षा गारंटी मिलेगी, लेकिन इसके लिए वॉशिंगटन को धन उपलब्ध कराना होगा। अमेरिका को यूक्रेन के पुनर्निर्माण और वहां निवेश करने के लिए लाभ का 50 प्रतिशत भी मिलेगा और प्रतिबंध हटने के बाद रूस के साथ आर्थिक साझेदारी भी स्थापित करेगा।