क्या थ्येनआनमेन चौक से मानवता का संदेश सुनकर दुनिया एकजुट हो सकती है?

Click to start listening
क्या थ्येनआनमेन चौक से मानवता का संदेश सुनकर दुनिया एकजुट हो सकती है?

सारांश

थ्येनआनमेन चौक पर आयोजित समारोह ने न केवल चीन की विजय का जश्न मनाया, बल्कि यह मानवता की एकता और संघर्ष का संदेश भी दिया। यह क्षण हमें याद दिलाता है कि इतिहास हमें जोड़ता है, न कि बांटता है।

Key Takeaways

  • थ्येनआनमेन चौक का उत्सव मानवता की एकता का प्रतीक है।
  • इतिहास केवल किताबों में नहीं, बल्कि समारोहों में भी जीवित रहता है।
  • शांति और सहयोग का संदेश हमें जोड़ता है।
  • संघर्षों के बावजूद, एक साझा भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
  • समारोहों की गूंज सीमाओं से परे जाती है।

बीजिंग, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पेइचिंग का थ्येनआनमेन चौक - चीन की आत्मा और संघर्ष का प्रतीक है। एक भारतीय लड़की की दृष्टि से यह केवल एक स्मृति स्थल नहीं है, बल्कि इतिहास के जीवंत पन्नों की तरह है। 3 सितंबर को चीनी जनता ने जापानी अतिक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में न केवल दुनिया भर के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया बल्कि इसने वैश्विक मीडिया में भी खूब सुर्खियां बटोरी।

चौक में दूर-दूर तक फैली भीड़, अनुशासित सैनिकों की टुकड़ियां, और आकाश में लहराते लाल झंडे, हर दृश्य में राष्ट्र की ताकत और उसकी स्मृति गूंज रही थी। जैसे ही ध्वजारोहण हुआ, एक गंभीर निस्तब्धता छा गई। ऐसा लगा मानो लाखों दिल एक साथ अतीत के बलिदानों को नमन कर रहे हों।

मेरे लिए यह क्षण केवल चीन का नहीं था। मैं सोच रही थी कि भारत और चीन, दोनों ही देशों ने एक ही दौर में औपनिवेशिक दमन और आक्रमण झेले। हमारे स्वतंत्रता सेनानी और यहाँ के वीर योद्धा, अलग-अलग ज़मीन पर खड़े होकर भी एक साझा संघर्ष लड़ रहे थे, अन्याय और फासीवाद के खिलाफ।

समारोह में चीन के नेतृत्व ने जब शांति और विकास पर बल दिया, तो मुझे एहसास हुआ कि यह आयोजन केवल विजय का उत्सव नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा का संकेत भी है। सैनिक परेड शक्ति का प्रदर्शन जरूर थी, पर संदेश साफ़ था - युद्ध के भयावह अनुभवों के बाद शांति ही सबसे बड़ी जीत है। लोगों की आंखों में जो गर्व था, वह मुझे अपने देश के स्वतंत्रता दिवस पर महसूस होने वाले गर्व जैसा ही लगा। इतिहास की पीड़ा और विजय की यह साझी अनुभूति हमें जोड़ती है। उस दिन मैंने महसूस किया कि इतिहास केवल किताबों में नहीं, बल्कि उन समारोहों, स्मृतियों और भावनाओं में जिंदा रहता है, जिन्हें लोग मिलकर संजोते हैं। और शायद यही इतिहास का सबसे बड़ा संदेश है - संघर्ष हमें बांटता नहीं, बल्कि एक-दूसरे के और करीब लाता है।

टीवी पर इस भव्य समारोह का सीधा प्रसारण देखते हुए मुझे ऐसा लगा जैसे मैं इतिहास की धड़कन सुन रही हूं। मेरे मन में लगातार भारत का स्वतंत्रता संघर्ष घूमता रहा। चीन और भारत दोनों ही देशों ने विदेशी आक्रमण और दमन के खिलाफ लंबा संघर्ष किया है। मुझे लगा कि हमारे देशों का इतिहास भले अलग-अलग पन्नों पर लिखा गया हो, लेकिन दर्द और विजय की भाषा साझा है।

समारोह के दौरान जब नेताओं ने शांति, सहयोग और साझा विकास का संदेश दिया, तो मैंने महसूस किया कि यह केवल अतीत को याद करने का क्षण नहीं था, बल्कि भविष्य की ओर एक वादा भी था - कि युद्ध की भयावहता से सीखा सबक हमें शांति की ओर ले जाएगा।

मुझ पर सबसे अधिक प्रभाव सैनिकों की परेड ने डाला। अनुशासन, एकता और आत्मविश्वास से भरी उनकी चाल ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह देश अपने इतिहास को केवल याद ही नहीं करता, बल्कि उससे प्रेरणा भी लेता है। उस पल मैं भारत को याद कर रही थी। हमारे स्वतंत्रता सेनानी, उनकी कुर्बानियां और संघर्ष मानो चीनी वीरों से कहीं जुड़ते हुए महसूस हुए। दो अलग-अलग धरती, दो अलग-अलग सभ्यताएं, लेकिन एक ही जज्बा - अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ने का।

थ्येनआनमेन चौक पर आयोजित हुए इस भव्य समारोह का सीधा प्रसारण देखकर मैंने जाना कि स्मृति केवल स्थानीय नहीं होती। वह सीमाओं से परे जाकर हर उस दिल को छू लेती है, जिसने कभी संघर्ष और बलिदान की कहानियां सुनी हों। एक भारतीय होने के नाते यह प्रसारण मेरे लिए चीन की विजय का नहीं, बल्कि मानवता की विजय का प्रतीक था।

स्क्रीन बंद करने के बाद भी समारोह की गूंज मेरे मन में देर तक बनी रही। आँखों में अब भी वही परेड, वही झंडे, वही गंभीर संगीत तैर रहे हैं। आज महसूस हुआ कि स्मृति की गूंज सीमाओं से परे होती है। यह समारोह केवल चीन का नहीं, बल्कि पूरी मानवता का उत्सव था। मैंने महसूस किया कि ऐसे क्षण हमें यह याद दिलाते हैं कि इतिहास हमें बाँटता नहीं, बल्कि एक साझा भविष्य के लिए जोड़ता है।

(दिव्या पाण्डेय - चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह समझना आवश्यक है कि ऐसे समारोहों में न केवल एक देश की विजय का जश्न मनाया जाता है, बल्कि यह वैश्विक एकता और शांति का प्रतीक भी है। हमें एक दूसरे के संघर्षों को समझना और साझा करना चाहिए।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

थ्येनआनमेन चौक का महत्व क्या है?
थ्येनआनमेन चौक चीन के इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जो संघर्ष और विजय का संदेश देता है।
इस समारोह में किस-किस ने भाग लिया?
इस समारोह में दुनिया भर के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया, जिससे यह वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बना।
Nation Press