क्या यूएनएससी में गाजा के हालात पर चर्चा होगी? इजरायली विदेश मंत्री ने कहा, 'हम फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना से सहमत नहीं'

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क्या यूएनएससी में गाजा के हालात पर चर्चा होगी? इजरायली विदेश मंत्री ने कहा, 'हम फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना से सहमत नहीं'

सारांश

गाजा शांति योजना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार का स्पष्ट बयान सभी को आश्चर्य में डाल रहा है। क्या फिलिस्तीनियों के लिए कोई रास्ता बचा है? जानिए इस जटिल स्थिति का विवरण।

Key Takeaways

  • गाजा शांति योजना पर चर्चा हो रही है।
  • इजरायल ने फिलीस्तीनी राज्य की स्थापना से इनकार किया है।
  • यूएनएससी में अमेरिका और रूस के बीच प्रतिस्पर्धा है।
  • रूस ने अमेरिकी प्रस्ताव का विरोध किया है।
  • अमेरिका ने प्रस्ताव को लागू करने की आवश्यकता बताई है।

तेल अवीव, १६ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गाजा शांति योजना का भविष्य क्या होगा, इसे लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। पिछले तीन-चार दिनों में कई घटनाएं हुई हैं, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि विश्व दो ध्रुवों में बंटता जा रहा है। यूएनएससी में अमेरिका और रूस अपने-अपने प्रस्तावों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार ने स्पष्ट किया है कि उनका देश किसी भी फिलीस्तीनी राज्य की स्थापना पर राजी नहीं होगा।

द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक गाजा युद्धविराम योजना पर मतदान होना है। एक मसौदा पेश किया जा सकता है जिसमें एक फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण का संभावित मार्ग भी शामिल है। इस योजना के तहत, विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा है कि इजरायल ऐसी किसी भी इकाई के निर्माण की अनुमति नहीं देगा।

उनका यह बयान शनिवार को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की फोन पर हुई बातचीत के बाद आया है। गिदोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा, "इजरायल की धरती के मध्य में, उसके सभी जनसंख्या केंद्रों से न के बराबर दूरी पर और उसके भौगोलिक क्षेत्र के नजदीक इजरायल, एक फिलिस्तीनी आतंकवादी राज्य की स्थापना के लिए सहमत नहीं होगा।"

गुरुवार को यूएनएससी में रूस ने अमेरिकी प्रस्ताव के खिलाफ एक ड्राफ्ट रिजोल्यूशन पेश किया था। रूस ने ट्रंप के गाजा पीस प्लान को चुनौती दी। रूस का कहना है कि उसका प्रस्ताव दुश्मनी को खत्म करने और संतुलन बनाए रखने के लिए बनाया गया है।

इस बीच, अमेरिका ने ट्रंप के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई। यूएनएससी में अमेरिका ने कहा कि अगर उनका प्रस्ताव लागू नहीं किया गया, तो फिलिस्तीन का अंजाम बेहद खराब होगा।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने मिस्र, सऊदी अरब और तुर्की सहित अरब और मुस्लिम बहुल देशों के एक समूह के साथ मिलकर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना का समर्थन करने वाले अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को शीघ्रता से मंजूरी देने का आग्रह किया था।

एक संयुक्त बयान में, संयुक्त राज्य अमेरिका, कतर, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, जॉर्डन और तुर्की ने कहा कि वे परिषद के समक्ष वर्तमान में प्रस्तुत मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करते हैं और इसे " शीघ्र अपनाने" का आह्वान किया।

Point of View

गाजा का मुद्दा एक जटिल और संवेदनशील विषय बन गया है। यूएनएससी में अमेरिका और रूस के बीच प्रतिस्पर्धा के चलते यह स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। इजरायल का फिलीस्तीनी राज्य की स्थापना से इनकार इस बात का संकेत है कि क्षेत्र में शांति की राह अभी भी बहुत दूर है।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

गाजा शांति योजना का क्या महत्व है?
गाजा शांति योजना का उद्देश्य मध्य पूर्व में स्थायी शांति की स्थापना करना है, जो इस क्षेत्र में संघर्ष को समाप्त करने में सहायक हो सकता है।
इजरायली विदेश मंत्री का बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
गिदोन सार का बयान इजराइल की नीति को दर्शाता है और यह दिखाता है कि फिलीस्तीनी राज्य की स्थापना के प्रति इजराइल का नजरिया क्या है।
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