क्या युवाओं में जिज्ञासा और इनोवेशन को बढ़ावा देना आवश्यक है?: नौसेना प्रमुख
सारांश
Key Takeaways
- जिज्ञासा और नवाचार युवा पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- भारतीय समुद्री विरासत का संरक्षण आवश्यक है।
- थिंक-25 जैसे कार्यक्रमों से युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलता है।
- युवाओं में बौद्धिक नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहिए।
- समुद्री क्षेत्र में ज्ञान का निरंतर प्रसार हो रहा है।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भारतीय समुद्री विरासत के प्रति युवाओं की गहरी जागरूकता की सराहना की। उन्होंने युवाओं में जिज्ञासा, नवाचार और बौद्धिक नेतृत्व को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर दिया।
उनका मानना है कि ये गुण भविष्य के समुद्री विचारकों और नेताओं को विकसित करेंगे। यह वक्तव्य उन्होंने भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला में आयोजित भारतीय नौसेना क्विज थिंक-25 के ग्रैंड फिनाले के दौरान दिया।
इस समृद्ध समारोह में नौसेना प्रमुख मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह कार्यक्रम ज्ञान, नवाचार और भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का जश्न मनाने के लिए एक राष्ट्रीय बौद्धिक यात्रा का समापन था, जिसका विषय ‘महासागर’ था।
यह थीम भारतीय नौसेना की खोज, उत्कृष्टता और युवाओं में समुद्री चेतना विकसित करने की भावना को दर्शाती है। देशभर के हजारों प्रतिभागियों में से 16 स्कूलों ने विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। इन छात्रों ने सेमीफाइनल में स्थान बनाया था, जिसमें से शीर्ष आठ टीमें ग्रैंड फिनाले तक पहुंचीं।
नौसेना के अनुसार, जयश्री पेरीवाल हाईस्कूल, जयपुर विजेता बना, जबकि पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, समस्तीपुर ने उपविजेता स्थान प्राप्त किया।
अपने संबोधन में, नौसेना प्रमुख ने युवा प्रतिभागियों के उत्साह और भारतीय समुद्री विरासत के प्रति उनकी गहरी समझ की सराहना की। उन्होंने जिज्ञासा और नवाचार को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये गुण भविष्य में समुद्री क्षेत्र के अग्रणी व्यक्तियों को आकार देंगे। ग्रैंड फिनाले का सीधा प्रसारण भारतीय नौसेना के आधिकारिक यूट्यूब और फेसबुक पेज पर किया गया।
इसमें देशभर के स्कूलों, नौसेना प्रतिष्ठानों और समुद्री विषयों में रुचि रखने वाले लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। समय के साथ इस क्षेत्र में ज्ञान का निरंतर प्रसार हो रहा है। भारतीय नौसेना थिंक-26 की प्रतीक्षा कर रही है।
नौसेना के अनुसार, इन प्रयासों से नवीन प्रतिभाओं को अन्वेषण, संलग्नता और उत्कृष्टता की दिशा में प्रेरणा मिलेगी, और ज्ञान एवं अन्वेषण की यात्रा लगातार जारी रहेगी।