क्या बाढ़ पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा मिलेगा? नेता प्रतिपक्ष आतिशी की सीएम से अपील

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में बाढ़ से प्रभावित हजारों परिवारों की स्थिति गंभीर है।
- आतिशी ने सीएम से तत्काल आर्थिक मदद की मांग की है।
- बाढ़ में बच्चों की शैक्षणिक सामग्री नष्ट हो गई है।
- सरकार को राहत शिविरों में सुविधाएं बढ़ाने की आवश्यकता है।
- बाढ़ पीड़ितों के लिए विशेष दस्तावेज शिविर लगाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी पार्टी की प्रमुख आतिशी ने राजधानी में बाढ़ से प्रभावित परिवारों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से निवेदन करते हुए कहा कि सरकार को तुरंत आर्थिक सहायता और मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।
आतिशी ने कहा कि हजारों परिवारों का सब कुछ बाढ़ में बह गया है और उनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं बचा है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार प्रत्येक वयस्क सदस्य को न्यूनतम मजदूरी के आधार पर 18 हजार रुपए की सहायता प्रदान करे। इसके साथ ही, जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें पंजाब की तर्ज पर 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार पहले से ही किसानों के हित में ऐसी घोषणा कर चुकी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बाढ़ में बच्चों की किताबें, कॉपियां, बैग और अन्य शैक्षणिक सामग्री बह गई हैं। इसलिए, सरकार को तुरंत स्कूली बच्चों के लिए किताबें और नोटबुक उपलब्ध करानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, कई परिवारों के महत्वपूर्ण दस्तावेज, जैसे कि आधार कार्ड और प्रमाण पत्र, पानी में नष्ट हो गए हैं। इसके लिए विशेष शिविर लगाकर प्रभावित लोगों के दस्तावेज फिर से बनाए जाने चाहिए ताकि उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें।
आतिशी ने यमुना बाजार की एक महिला रीना देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके घर का सारा सामान बाढ़ में बह गया, बच्चों की किताबें और आवश्यक कागजात भी नष्ट हो गए हैं। पिछले 10 दिनों से वे काम पर नहीं जा पा रही हैं और उनके पास एक पैसा भी नहीं बचा है। आतिशी ने कहा कि यह केवल रीना देवी का हाल नहीं है, बल्कि हजारों परिवारों का यही हाल है।
उन्होंने दिल्ली की भाजपा सरकार पर राहत शिविरों में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां पानी, साफ-सफाई, बिजली और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। लोग असुरक्षा और अनिश्चितता में जी रहे हैं। आतिशी ने कहा कि यह समय है जब सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाए। अगर सरकार अभी मदद करती है, तो बाढ़ पीड़ित परिवार इसे हमेशा याद रखेंगे। उन्हें तुरंत राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि प्रभावित परिवारों को फिर से सामान्य जीवन की ओर लौटने में सहायता मिल सके।