सुबह कितने बजे जागना चाहिए स्वास्थ्य के लिए? जानिए क्यों यह जरूरी है!

सारांश
Key Takeaways
- ब्रह्म मुहूर्त में उठने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- यह मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता बढ़ाता है।
- प्राकृतिक चक्र को संतुलित करता है।
- आध्यात्मिक विकास के लिए उपयुक्त है।
- दिन की सकारात्मक शुरुआत का आधार है।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सुबह जल्दी उठना सिर्फ एक अच्छी आदत नहीं है, बल्कि यह हमारे शरीर, मन और आत्मा के लिए एक प्राकृतिक औषधि के समान है। आयुर्वेद के अनुसार, ‘ब्रह्म मुहूर्त’ यानी सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले का समय सबसे सही माना गया है।
ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण शांत, स्वच्छ और ऊर्जावान होता है। जब हम इस समय उठते हैं, तो हमारा शरीर प्रकृति के साथ तालमेल बैठाता है। इससे हमारी पाचन क्रिया बेहतर होती है, मन में सकारात्मकता आती है, और पूरे दिन के लिए ऊर्जा का संचार होता है।
इस समय उठने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता बढ़ती है। यह समय ध्यान, प्रार्थना या योग के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है। जब हम दिन की शुरुआत ध्यान या गहरी सांसों के साथ करते हैं, तो तनाव और चिंता से छुटकारा मिलता है। यह समय आत्म-चिंतन और नई ऊर्जा के साथ दिन की योजना बनाने के लिए भी आदर्श है।
जल्दी उठने का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह हमारे शरीर के प्राकृतिक चक्र को संतुलित करता है। सूर्य के साथ जागना हमारे बायोलॉजिकल क्लॉक को दुरुस्त रखता है। इससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और थकान कम महसूस होती है। वहीं देर से उठने पर शरीर भारीपन और आलस्य महसूस करता है, जिससे कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में उठने से त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) का संतुलन बना रहता है। इस समय थोड़ी-सी हल्की व्यायाम या योग करने से शरीर में संचय हुआ कफ कम होता है और वात-पित्त संतुलित रहते हैं। यह समय शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करने और मन को नई ऊर्जा देने का भी होता है।
संक्षेप में, ब्रह्म मुहूर्त में उठना केवल एक अनुशासन नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास का आधार है। जो लोग इस समय उठकर दिन की शुरुआत करते हैं, वे अधिक ऊर्जावान और संतुलित महसूस करते हैं।