क्या महाराष्ट्र में आरक्षण के जरिए पिछड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने की योजना है? - शाइना एनसी

सारांश
Key Takeaways
- आरक्षण के माध्यम से समाज के पिछड़े वर्ग को लाभ होगा।
- कांग्रेस के नेताओं की जवाबदेही आवश्यक है।
- बिहार चुनाव में अपमानजनक टिप्पणियों का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
मुंबई, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाइना एनसी ने मराठा आरक्षण के समाप्त होने पर बुधवार को अपनी खुशी व्यक्त की।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार व्यक्त करना चाहूंगी कि उन्होंने राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ यह निर्णय लिया, जिसके परिणामस्वरूप मराठा आरक्षण खत्म हुआ। मुख्यमंत्री ने अब 10 प्रतिशत तक आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसे जल्द ही पारित किया जाएगा। इस आरक्षण के माध्यम से समाज के पिछड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के पास दो वोटर आईडी कार्ड मिलने पर शाइना एनसी ने तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लगातार वोट चोरी का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं। एक जंगपुरा के पते पर है और दूसरा नई दिल्ली के पते पर है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि एक जिम्मेदार नागरिक को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए थी कि उसके पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन अब इससे भी कुछ लोगों को समस्या हो रही है। मेरा सीधा सवाल है कि हम मतदाता पुनरीक्षण क्यों करते हैं? निश्चित रूप से इसका उद्देश्य फर्जी मतदाताओं की पहचान करना और फर्जी मतदान को रोकना है।
शिवसेना नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार वोट चोरी का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन जब उनकी ही पार्टी के नेता के पास दो अलग-अलग पते पर वोटर आईडी कार्ड मिले हैं, तो उन्हें इस मुद्दे पर उत्तर देना चाहिए।
बिहार के दरभंगा में प्रधानमंत्री मोदी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया है, उसे देखते हुए बिहार की जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी। यह जवाब बिहार चुनाव के बाद निश्चित रूप से मिलेगा। कांग्रेस पार्टी और राजद की मानसिकता स्पष्ट हो रही है। प्रधानमंत्री के संबंध में ऐसी टिप्पणी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।