क्या आयुष मंत्रालय ने गांधी जयंती पर 'स्वच्छोत्सव' रैली का आयोजन कर 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान का सफल समापन किया?

सारांश
Key Takeaways
- स्वच्छता के प्रति सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
- महात्मा गांधी की स्वच्छता की दृष्टि को मान्यता दी गई।
- सफाई मित्रों का योगदान अनमोल है।
- सरकार और नागरिक मिलकर स्वच्छ भारत का सपना साकार कर सकते हैं।
- आयुष मंत्रालय का स्वच्छता आंदोलन जारी रहेगा।
नई दिल्ली, २ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुष मंत्रालय ने गुरुवार को गांधी जयंती के अवसर पर 'स्वच्छोत्सव' रैली के साथ 'स्वच्छता ही सेवा २०२५' अभियान का समापन किया। यह रैली आयुष भवन से प्रारंभ होकर आईएनए मेट्रो स्टेशन पर समाप्त हुई, जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत के लिए सामूहिक प्रयास को दर्शाना था। इस कार्यक्रम का नेतृत्व आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने किया।
कार्यक्रम में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी स्वच्छता और निस्वार्थ सेवा की अनमोल दृष्टि को सम्मानित किया गया। इस दौरान सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया और उन्हें कंबल बांटे गए, जो दो सप्ताह के अभियान में उनके अमूल्य योगदान और समर्पित सेवा को मान्यता देते हैं।
'स्वच्छता ही सेवा २०२५' कैंपेन, जिसे आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था, आयुष मंत्रालय में १७ सितंबर से २ अक्टूबर तक चलाया गया।
इस पखवाड़े में कार्यालय परिसर, बेसमेंट, पार्किंग क्षेत्र और लॉन में स्वच्छता अभियान चलाए गए। २५ सितंबर को ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ अभियान के तहत स्वच्छता का संदेश दिया गया, वहीं २७ सितंबर को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में सफाई मित्रों का चिकित्सा चेकअप हुआ। साथ ही, सड़क किनारे खाद्य विक्रेताओं के साथ मिलकर स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाई गई।
आयुष मंत्रालय ने स्वच्छता आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें स्वच्छता को सभी के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण से जोड़ा गया है।
फिलहाल, इस अभियान ने 'स्वच्छता एक साझा जिम्मेदारी' के मंत्रालय के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाया, जहां सरकार, नागरिक और सामुदायिक कार्यकर्ता मिलकर स्वस्थ वातावरण बनाते हैं।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि आयुष मंत्रालय स्वच्छता को अपने कार्यक्रमों में शामिल करना जारी रखेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्वच्छता और सतत जीवन का संदेश हर घर तक पहुंचे।