क्या अदिवि शेष ने सीजेआई और दिल्ली सरकार को आवारा कुत्तों के आदेश पर पुनर्विचार के लिए लिखा पत्र?

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क्या अदिवि शेष ने सीजेआई और दिल्ली सरकार को आवारा कुत्तों के आदेश पर पुनर्विचार के लिए लिखा पत्र?

सारांश

अदिवि शेष ने दिल्ली में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने चिट्ठी में पुनर्विचार की मांग की है। जानें कैसे यह मामला जानवरों के अधिकारों से जुड़ा है और अदिवि शेष का दृष्टिकोण क्या है।

Key Takeaways

  • अदिवि शेष का पत्र आवारा कुत्तों के अधिकारों की रक्षा के लिए है।
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश विवादास्पद है।
  • जानवरों के प्रति सहानुभूति की आवश्यकता है।
  • नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उनके क्षेत्र में रहने देना चाहिए।
  • समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए एनिमल वेलफेयर का समर्थन करना चाहिए।

मुंबई, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आवारा कुत्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है। कोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में डालने का निर्देश दिया है, जिससे कई लोग असहमत हैं। तेलुगू और हिंदी फिल्मों के अभिनेता अदिवि शेष ने इस मुद्दे पर भारत के मुख्य न्यायाधीश और दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में निवेदन किया है कि इस आदेश पर पुनर्विचार किया जाए, क्योंकि यह जानवरों के प्रति अन्यायपूर्ण है।

उन्होंने लिखा है कि जिन कुत्तों की पहले से नसबंदी या टीकाकरण हो चुका है, उन्हें उनके अपने क्षेत्र में रहने दिया जाए।

अदिवि शेष ने कहा, "मैं एक नागरिक होने के नाते कानून का सम्मान करता हूं और उसकी मूल भावना को भी मानता हूं। मुझे दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को बड़े पैमाने पर पकड़ने के आदेश को लेकर चिंता है। ऐसा करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि भारत के उदार मूल्यों के भी विरुद्ध है।"

उन्होंने आगे कहा, "आवारा कुत्ते हमारे समाज का हिस्सा हैं। अगर उन्हें नसबंदी और टीके लग चुके हैं, तो वे किसी के लिए खतरा नहीं होते, बल्कि हमारे समाज के सदस्य हैं और सम्मान के हकदार हैं। सभी कुत्तों को पकड़कर शेल्टर में डालना न तो स्थायी समाधान है और न ही मानवता के लिए उचित है। यह एक लंबे समय के मुद्दे का गलत और तात्कालिक उत्तर है।"

अभिनेता ने कहा, "मैं माननीय अदालत और दिल्ली सरकार से अनुरोध करता हूं कि वे इस आदेश पर पुनर्विचार करें। हमें सहानुभूति और समझदारी से कार्य करना चाहिए। दबाव बनाने के बजाय हमें ऐसे समाधान खोजने चाहिए जो सभी के लिए सही और टिकाऊ हों।"

उन्होंने इससे पहले इंस्टाग्राम पर दिल्ली वालों से विशेष अपील की थी: "अगर आप दिल्ली के निवासी हैं, तो क्या मैं आपसे एक या एक से ज्यादा इंडी डॉग्स को गोद लेने का अनुरोध कर सकता हूं? ये जानवर बहुत स्वस्थ होते हैं और उनकी देखभाल करने में कठिनाई नहीं होती, और बदले में वे आपको इतना प्यार और स्नेह देंगे, जितना आप सोच भी नहीं सकते।"

उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने निकटतम एनिमल वेलफेयर एनजीओ का दिल खोलकर समर्थन करें।

उन्होंने कहा, "कृपया अपने नजदीकी एनिमल वेलफेयर एनजीओ का समर्थन करें। मैं ऐसा करने की योजना बना रहा हूं और आशा करता हूं कि आप भी ऐसा करेंगे। अदालतों में अपीलें दायर की जाती हैं और प्रक्रियाएं समय लेती हैं, इसलिए हमारी मानवता का जागरूक होना आवश्यक है। आपका योगदान—चाहे छोटा हो या बड़ा—हर प्रयास महत्वपूर्ण है और सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम हो सकता है।"

Point of View

बल्कि यह मानवता और सहानुभूति का भी प्रतीक है। अदिवि शेष का यह कदम हमें याद दिलाता है कि हमें जानवरों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। यह जरूरी है कि हम एक ऐसा समाधान खोजें जो सभी के लिए लाभकारी हो।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

अदिवि शेष ने किस मुद्दे पर चिट्ठी लिखी?
अदिवि शेष ने आवारा कुत्तों को पकड़ने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार के लिए चिट्ठी लिखी है।
अदिवि शेष ने किससे अपील की?
उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश और दिल्ली के मुख्यमंत्री से अपील की है।
अदिवि शेष का तर्क क्या था?
उन्होंने कहा कि जिन कुत्तों की नसबंदी या टीकाकरण हो चुका है, उन्हें उनके इलाके में रहने दिया जाए।
उन्होंने अपनी अपील में क्या कहा?
उन्होंने सहानुभूति और समझदारी से काम करने की बात की है।
क्या अदिवि शेष ने दिल्ली वालों से कुछ मांगा?
हाँ, उन्होंने दिल्ली वालों से इंडी डॉग्स को गोद लेने की अपील की है।