क्या अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाकर दोस्ती को तोड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका का 25% टैरिफ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती है।
- नीरज कुशवाहा मौर्य ने इस पर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
- सदन में इस पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता है।
- महंगाई की चिंता आम जनता में बढ़ रही है।
- भारत और अमेरिका के रिश्तों में गिरावट का संकेत।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा पर समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज कुशवाहा मौर्य और अन्य नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
नीरज कुशवाहा मौर्य ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ से यह स्पष्ट होता है कि जिस दोस्ती का भाजपा और पीएम दावा करते थे, वह अब दिखाई नहीं दे रही है। उल्टा, हमारा पुराना मित्र रूस दबाव में है और हमें कह रहा है कि हम उनसे तेल न खरीदें। उनका मानना है कि भाजपा सरकार और उसके नेता भ्रमित हैं और उन्हें इस भ्रम को दूर कर जनता के सामने वास्तविकता लानी होगी।
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि उच्च सदन में एकतरफा बयानबाजी की प्रथा नहीं होनी चाहिए। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जो जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं, उससे कहीं अधिक जानकारी मीडिया के पास है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नराजगी पहले से ही स्पष्ट थी। उन्होंने पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर को अपने घर बुलाकर भारत को एक नई चुनौती दी है।
सपा सांसद आनंद भदौरिया ने कहा कि पीयूष गोयल खुद भ्रमित हैं और आम नागरिक महंगाई की बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस मुद्दे पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तानी सरकार से बातचीत की है, जिससे भारत और अमेरिका के रिश्तों में गिरावट आ रही है।