क्या ऑटोमोबाइल में जीएसटी सुधार 'मेक इन इंडिया' पहल के साथ ग्रोथ और इनोवेशन को बढ़ाएगा?

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क्या ऑटोमोबाइल में जीएसटी सुधार 'मेक इन इंडिया' पहल के साथ ग्रोथ और इनोवेशन को बढ़ाएगा?

सारांश

क्या आपको पता है कि भारत का ऑटो उद्योग 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करता है? जीएसटी में सुधार से न केवल ग्रोथ और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह 'मेक इन इंडिया' पहल को भी समर्थन देगा। जानें कैसे ये परिवर्तन ऑटो सेक्टर को नया जीवन देंगे।

Key Takeaways

  • जीएसटी रेट्स में कमी से मांग और रोजगार में वृद्धि होगी।
  • एमएसएमई को मजबूती मिलेगी।
  • नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
  • स्वच्छ गतिशीलता को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • बढ़ती डिमांड से अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा।

नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का ऑटो उद्योग मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री, फाइनेंसिंग और रखरखाव में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ३.५ करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करता है। ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए जीएसटी रेट्स को राशनलाइज करने से ग्रोथ और इनॉवेशन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, एमएसएमई की भागीदारी भी बढ़ेगी और सरकार के आत्मनिर्भर भारत के विजन को बल मिलेगा।

ये नीतिगत सुधार न केवल घरेलू मांग और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे, बल्कि एक आधुनिक, समावेशी और वैश्विक स्तर पर प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की भी शुरुआत करेंगे।

दो-पहिया वाहनों (३५०-सीसी तक की बाइक) और छोटी कारों पर जीएसटी रेट को २८ प्रतिशत से घटाकर १८ प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे मध्यम वर्ग को लाभ मिलने की उम्मीद है। इसी तरह, १८००-सीसी से कम ट्रैक्टरों पर जीएसटी १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा। सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए बसों पर जीएसटी की दर २८ प्रतिशत से घटाकर १८ प्रतिशत कर दी गई है। परिवहन सेवाओं पर व्यापक प्रभाव से बचने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को भी बढ़ाया गया है और आवश्यकता अनुसार लागू किया गया है।

जीएसटी रेट कम होने से मांग बढ़ेगी, जिससे ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं और टायर, बैटरियां, ग्लास, स्टील, प्लास्टिक एवं इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी सहायक उद्योगों को लाभ मिलने की उम्मीद है। वाहनों की बढ़ती बिक्री से गुणक प्रभाव पैदा होगा, जो पूरी सप्लाई चेन में एमएसएमई को मजबूती प्रदान करेगा।

बढ़ती मांग से डीलरशिप, परिवहन सेवाओं, लॉजिस्टिक्स और कंपोनेंट एमएसएमई में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जीएसटी रेट कम होने से चालक, मैकेनिक और छोटे सर्विस गैराज जैसी अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में भी बढ़ोतरी होगी। क्रेडिट-आधारित वाहन खरीद से खुदरा ऋण वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार होगा और अर्ध-शहरी भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।

रेशनलाइज जीएसटी दरें नीतिगत स्थिरता प्रदान करेंगी, जिससे नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा और 'मेक इन इंडिया' पहल को समर्थन मिलेगा। जीएसटी रेट कम होने से लोग पुराने वाहनों को नए, ईंधन-कुशल मॉडलों से बदलने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे स्वच्छ गतिशीलता को भी बढ़ावा मिलेगा।

Point of View

मैं मानता हूं कि जीएसटी सुधारों का लाभ सीधे तौर पर देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा। यह सुधार न केवल रोजगार सृजन में सहायक होगा, बल्कि देश को औद्योगिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी सुधारों से ऑटोमोबाइल उद्योग को क्या लाभ होगा?
जीएसटी सुधारों से ऑटोमोबाइल उद्योग में मांग बढ़ेगी, जिससे उत्पादन और रोजगार में वृद्धि होगी।
क्या जीएसटी दरों में कमी से मध्यम वर्ग को फायदा होगा?
हां, जीएसटी दरों में कमी से मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती कारें और बाइक खरीदने में मदद मिलेगी।
कृषि क्षेत्र पर जीएसटी सुधारों का क्या प्रभाव पड़ेगा?
कृषि क्षेत्र में जीएसटी सुधार से ट्रैक्टरों की कीमतें कम होंगी, जिससे मशीनीकरण में वृद्धि होगी।