क्या भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 251.5 गीगावट हुई है?

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क्या भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बढ़कर 251.5 गीगावट हुई है?

सारांश

भारत ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को 251.5 गीगावाट तक बढ़ाया है, जो 2030 के लक्ष्य का आधा है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस उपलब्धि के साथ स्वदेशी सौर वैल्यू चैन के विकास पर भी जोर दिया है। जानें भारत की स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 251.5 गीगावाट तक पहुँच गई है।
  • 2030 तक 500 गीगावाट का लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रयास जारी हैं।
  • स्वदेशी सौर वैल्यू चैन का विकास एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • पीएम-कुसुम योजना के तहत राज्यों में सौर ऊर्जा का विकास हो रहा है।
  • भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन से बिजली उत्पादन का लक्ष्य समय से पहले प्राप्त किया।

नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता अब 251.5 गीगावाट तक पहुँच गई है, जो कि 2030 तक निर्धारित रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्य 500 गीगावाट का आधा से अधिक है। यह जानकारी केंद्रीय न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को साझा की।

जोशी ने बताया कि भारत 2028 तक एक पूर्ण स्वदेशी सौर वैल्यू चैन के निर्माण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है, जिसमें स्वदेशी सौर सेल विनिर्माण का लक्ष्य शामिल है।

केंद्रीय मंत्री ने 'स्टेट रिव्यू मीटिंग ऑन रिन्यूएबल एनर्जी' में कहा कि देश अब मॉड्यूल के साथ-साथ वेफर्स और इनगॉट्स के लिए घरेलू क्षमता विकसित कर रहा है, ताकि संपूर्ण सौर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम देश में स्थापित हो सके।

उन्होंने बताया कि इस पहल से न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी बल्कि रोजगार का सृजन भी होगा, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और क्लीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग में भारत की स्थिति को मजबूती मिलेगी।

जोशी ने राज्यों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि ये योगदान भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

उन्होंने इन उपलब्धियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का प्रमाण बताया, जिसने भारत के स्वच्छ ऊर्जा विकास को नई दिशा दी है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लगभग 20 लाख परिवार पहले ही प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत मुफ्त बिजली का लाभ उठा चुके हैं।

उन्होंने राज्यों और डिस्कॉम से गुणवत्ता की अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया और उपभोक्ताओं को बेहतर टैरिफ क्रेडिट प्रदान करने की बात कही।

पीएम-कुसुम योजना के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्रियों द्वारा इस योजना के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग की जा रही है और इसका दूसरा चरण मार्च 2026 में शुरू होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने निर्धारित समय से पाँच वर्ष पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

Point of View

जो न केवल हमारे ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ाती है। इस दिशा में उठाए गए कदम भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत खिलाड़ी बनाएंगे।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता कितनी है?
भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता वर्तमान में 251.5 गीगावाट है।
सरकार का सौर वैल्यू चैन निर्माण का लक्ष्य क्या है?
सरकार का लक्ष्य 2028 तक एक पूर्ण स्वदेशी सौर वैल्यू चैन का निर्माण करना है।
पीएम-कुसुम योजना का क्या महत्व है?
पीएम-कुसुम योजना से राज्यों में सौर ऊर्जा के विकास को बढ़ावा मिलता है और यह रोजगार के अवसर प्रदान करती है।
भारत ने कब तक 50% बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया?
भारत ने निर्धारित समय से 5 वर्ष पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन से 50% स्थापित बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का लाभ किसने उठाया है?
लगभग 20 लाख परिवार इस योजना के तहत मुफ्त बिजली का लाभ उठा चुके हैं।