क्या फूलों और रोशनी से जगमगाता बद्रीनाथ धाम, मंगलवार को बंद होंगे मंदिर के कपाट?

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क्या फूलों और रोशनी से जगमगाता बद्रीनाथ धाम, मंगलवार को बंद होंगे मंदिर के कपाट?

सारांश

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना के साथ कपाट बंद होने की तैयारी हो रही है। यह एक भावुक क्षण है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होने के लिए तैयार हैं।

Key Takeaways

  • बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया चल रही है।
  • मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की गई।
  • श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या इस पल का साक्षी बनने को उत्सुक है।

चमोली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। सोमवार को पंच पूजा के चौथे दिन मां लक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की गई और परंपरा के अनुसार कढ़ाई प्रसाद अर्पित किया गया। इसके बाद माता लक्ष्मी को बद्रीनाथ गर्भगृह में विराजमान होने का निमंत्रण दिया गया।

सोमवार सुबह, बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी अमरनाथ नंबूदरी माता लक्ष्मी के मंदिर पहुँचे और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उन्हें गर्भगृह में विराजमान होने का आमंत्रण दिया। इस विशेष क्षण के बाद मंदिर में कपाट बंद होने की अंतिम तैयारियां शुरू हो गईं।

मंगलवार को दोपहर २ बजकर ५६ मिनट पर बद्रीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम का छह महीने का शीतकाल आरंभ होगा। इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइटों की जगमगाहट और ताजे फूलों की महक से पूरा धाम एक दिव्य लोक जैसा नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि २१ नवंबर से बद्रीनाथ धाम में पंच पूजाएं शुरू हो चुकी थीं। इसके तहत गणेश मंदिर, आदि केदारेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल के कपाट भी विधि-विधान से बंद किए गए। जैसे-जैसे कपाट बंद होने का समय नजदीक आता गया, वैसे-वैसे मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन भी पूरा कर दिया गया।

सोमवार को माता लक्ष्मी के मंदिर में विशेष पूजा की गई। रावल यानी मुख्य पुजारी ने परंपरा के अनुसार, माता लक्ष्मी को मुख्य गर्भगृह में आने का औपचारिक निमंत्रण दिया। गर्मियों के छह महीनों में माता लक्ष्मी मंदिर परिसर में स्थित अपने स्थल पर विराजमान रहती हैं, लेकिन सर्दियों के दौरान मां मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होती हैं।

कपाट बंद होने के मौके पर इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। अनुमान है कि मंगलवार को पांच हजार से ज्यादा लोग बद्रीनाथ धाम में मौजूद रहेंगे। सभी लोग कपाट बंद होने की इस ऐतिहासिक और भावुक करने वाली प्रक्रिया के साक्षी बनना चाहते हैं।

Point of View

श्रद्धालुओं की भारी संख्या इस पवित्र स्थल की ओर आकर्षित होती है, जो कि हमारे देश की विविधता और धार्मिकता को दर्शाता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

बद्रीनाथ धाम कब बंद होता है?
बद्रीनाथ धाम के कपाट हर साल नवंबर के अंतिम सप्ताह में बंद होते हैं।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया में क्या होता है?
इस प्रक्रिया में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और माता लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान किया जाता है।
इस बार कितने श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है?
इस बार पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
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