क्या अधिकारियों के रात्रि प्रवास से बेहतर होगी जलापूर्ति और मॉनिटरिंग? : स्वतंत्र देव सिंह

सारांश
Key Takeaways
- ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति को बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों का रात्रि प्रवास।
- जल जीवन मिशन के तहत शिकायतों का त्वरित समाधान।
- अधिकारियों की ग्रेडिंग और उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन।
- पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा।
- उत्तर प्रदेश का जल जीवन मिशन मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा।
लखनऊ, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्रामीण क्षेत्रों में नल के माध्यम से जलापूर्ति को बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने और योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारी उन्हीं क्षेत्रों में रात्रि प्रवास करेंगे, जहां उनकी तैनाती है। इस पहल का उद्देश्य किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करना और परियोजनाओं की मॉनिटरिंग करना है। यह निर्देश जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को जल जीवन मिशन की कार्यों की समीक्षा बैठक में दिए।
जल निगम के ग्रामीण मुख्यालय में हुई बैठक में जलशक्ति मंत्री ने प्रबंध निदेशक जल निगम को निर्देश दिए कि वे औचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि अधिकारी तैनाती स्थल पर रात्रि प्रवास कर रहे हैं या नहीं। अगर कोई अधिकारी तैनाती स्थल पर नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर शिकायत वाले गांवों की सूची तैयार करें और वहां की शिकायतों का समाधान करें। समीक्षा बैठक में जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों की ग्रेडिंग करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त होगी, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाएगा। वहीं, जिन्हें खराब ग्रेडिंग मिलेगी, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस ग्रेडिंग का उपयोग अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग में भी किया जाएगा।
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने यूपी में जल जीवन मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि घर-घर नल से जल पहुंचाने में जिस गुणवत्ता और समयबद्धता से कार्य उत्तर प्रदेश ने किया है, वैसा कार्य देश के अन्य राज्यों में नहीं किया गया है। जल जीवन मिशन का योगी मॉडल देश के सामने एक उदाहरण पेश कर रहा है। चाहे गुणवत्तापूर्ण जलापूर्ति की बात हो या योजनाओं में सोलर का इस्तेमाल, ईएमबी पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी भुगतान और स्काडा सिस्टम के तहत योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग, उत्तर प्रदेश के ये सभी अभिनव प्रयोग अन्य राज्यों द्वारा अपनाए जा रहे हैं।