क्या भारत व श्रीलंका के बीच सैन्य वार्ता ने बॉर्डर डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूती दी?
सारांश
Key Takeaways
- सैन्य सहयोग को मजबूत करने में वार्ता का महत्व।
- प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास पर ध्यान।
- क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता।
- भविष्य के सहयोगात्मक एजेंडे पर चर्चा।
- संयुक्त सैन्य अभ्यासों का महत्व।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) भारत और श्रीलंका के उच्चस्तरीय सैन्य अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता संपन्न हुई है। इस चर्चा में सैन्य कमांडर्स ने दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को और मजबूत करने तथा क्षेत्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर गहन विचार-विमर्श किया।
यह वार्ता आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ स्तर पर थी और भारतीय सेना के अनुसार यह तीन दिवसीय कार्यक्रम बोधगया में आयोजित किया गया। इन बैठकों के दौरान दोनो सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग, इंटरऑपरेबिलिटी में वृद्धि, और क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने पर गहन चर्चाएं कीं।
बैठक में श्रीलंका से एक छह-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ, जिसका नेतृत्व श्रीलंकाई आर्मी के मेजर जनरल रवी पथिराविथाना ने किया। भारतीय पक्ष से भी संबंधित सैन्य शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस वार्ता में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, तकनीकी सहयोग और आधुनिक सैन्य क्षमताओं के विकास पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यासों की संख्या और दायरा बढ़ाने, आतंकवाद-रोधी अभ्यास, और मानवीय सहायता एवं आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की।
सैनिकों के पेशेवर प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कोर्स एक्सचेंज और ट्रेनिंग प्रोग्राम को बढ़ाने पर भी विचार किया गया। साथ ही, लॉजिस्टिक्स, संचार और तकनीकी सहयोग को सुदृढ़ करने की आवश्यकता को भी बताया गया। इससे दोनों सैन्य बल वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर समन्वय कर पाएंगे।
भारत और श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने इस दौरान ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों पर जोर दिया, जो रक्षा सहयोग को नई दिशा प्रदान करता है। वार्ता के अंत में, दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
बोधगया में संपन्न इस वार्ता ने न केवल सैन्य संबंधों को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि भारत और श्रीलंका के व्यापक रक्षा संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान की। अगले चरण की वार्ताएं 2026 में आयोजित की जाएंगी, जिसमें अब तक तय हुए सहयोगात्मक एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भारत और श्रीलंका की सेनाएं एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास कर रही हैं, जिसमें दोनों देशों के जवानों ने कई महत्वपूर्ण ड्रिल्स किए हैं।