क्या भारत ने अंतरिक्ष में नया इतिहास रच दिया? इसरो का 'निसार मिशन' लॉन्च

सारांश
Key Takeaways
- निसार मिशन पृथ्वी की बेहतर निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इससे प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन बेहतर होगा।
- यह दुनिया का पहला दोहरे बैंड वाला रडार उपग्रह है।
- इस मिशन से वैश्विक समुदाय को लाभ होगा।
- इसरो और नासा का सहयोग एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष में अपनी उपलब्धियों का नया अध्याय लिखा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका की नासा ने मिलकर निसार मिशन का सफल प्रक्षेपण किया। यह उपग्रह बुधवार की शाम को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से विमानों की गति के साथ लॉन्च किया गया। निसार मिशन पृथ्वी की निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाएगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर बधाई देते हुए कहा कि जीएसएलवी-एफ16 द्वारा प्रक्षिप्त इस उपग्रह का सफल प्रक्षेपण चक्रवात और बाढ़ जैसी आपदाओं के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इसकी क्षमता कोहरे, घने बादलों और बर्फ की परतों को भेदने में इसे विमानन और नौवहन क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाती है।
उन्होंने कहा कि निसार से प्राप्त जानकारी वैश्विक समुदाय के लिए लाभदायक साबित होगी, जो कि विश्वबंधु की भावना के अनुरूप है। इसरो की यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हो रही है।
1.5 अरब डॉलर का यह मिशन पृथ्वी की सतह की निगरानी के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने का इरादा रखता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय परिवर्तनों पर गहन नज़र रखना है। निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार) एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है, जिसमें दो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी वाले रडार का प्रयोग किया गया है।
इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने सभी टीमों को निसार मिशन की सफल लॉन्चिंग के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस मिशन से सभी को लाभ होगा और पृथ्वी की निगरानी में सुधार होगा।
--आईएएनएल
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