क्या बिहार एग्जिट पोल में 'वोट चोरी' का कोई संकेत है? एक्सिस माई इंडिया के प्रदीप गुप्ता का बयान
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए को 43 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है।
- महागठबंधन को 90-118 सीटें मिल सकती हैं।
- राहुल गांधी का अभियान चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
- बिहार में रोजगार हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
- जातीय आधार पर मतदान का बड़ा प्रभाव है।
मुंबई, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक्सिस माय इंडिया के सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि बिहार के एग्जिट पोल से यह स्पष्ट होता है कि एनडीए को 43 प्रतिशत वोट मिलने के साथ 121-141 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि महागठबंधन को 90-118 सीटें और कांग्रेस को 17-21 सीटें मिल सकती हैं। राहुल गांधी का अभियान चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं डाल सका।
प्रदीप गुप्ता ने राहुल गांधी और महागठबंधन के 'वोट चोरी' के मुद्दे पर कहा कि हमने सर्वे के लिए बिहार की हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर लोगों से बात की, लेकिन किसी ने भी वोट चोरी की बात नहीं की। राहुल गांधी की गतिविधियों से हमें कोई लेना-देना नहीं है। हम केवल जनता की राय को महत्व देते हैं। कांग्रेस पार्टी बिहार में एक छोटी पार्टी बन चुकी है।
विधानसभा चुनाव क्षेत्रीय मुद्दों पर आधारित होते हैं। इन चुनावों में ऐसे मुद्दे सामने आते हैं जो आम आदमी को प्रभावित करते हैं। बिहार में रोजगार और विशेषकर इंडस्ट्री की कमी चिंता का विषय है। काम के लिए बिहार के युवा बड़ी संख्या में पलायन करते हैं, इसलिए यह हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
विधानसभा चुनावों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और किसानों से जुड़े मुद्दे ही मतदाता को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ने पिछले 15 से 20 वर्षों में बहुत प्रगति की है, विशेषकर जनता से जुड़े मामलों में।
उन्होंने बताया कि बिहार के चुनाव जाति के बिना नहीं देखे जा सकते। यहां 80 से 90 प्रतिशत लोग चुनाव में जातीय आधार पर वोट करते हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग 25 प्रतिशत वोट अन्य छोटी पार्टियों या निर्दलीयों को मिला है, जो पूरी तरह से जातीय आधार पर वोटिंग है, जबकि शेष 75 प्रतिशत वोट अन्य दलों को मिले हैं।
उन्होंने कहा कि EBC, OBC, SC, जनरल और ST पर एनडीए ने अच्छी बढ़त बनाई है। यादव और मुस्लिमों की बात करें तो यादव का 90 प्रतिशत और मुस्लिमों का 70 प्रतिशत वोट महागठबंधन को मिला है। महिलाओं में एनडीए को 5 प्रतिशत की बढ़त हासिल है। महिलाओं का 45 प्रतिशत वोट एनडीए को मिला है, जबकि 40 प्रतिशत वोट महागठबंधन को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा कि SIR एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। यह पूरे देश में लागू होनी चाहिए। यदि इसे समय रहते लागू किया जाए, तो केवल फायदे ही होंगे।
प्रदीप गुप्ता ने फ्रेंडली फाइट को सुसाइडल फाइट बताया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने खुद के ही वोटों को दो हिस्सों में बांट दिया है, जिसका लाभ एनडीए को मिलना तय है।
उन्होंने कहा कि जिसे हम 'फ्रेंडली फाइट' कहते हैं, उसमें राजनीतिक दल ऐसे उम्मीदवार उतारते हैं जो उनके अपने वोटों को विभाजित कर देते हैं। इससे उनका मतदाता विभाजित हो जाता है, जिससे दूसरों को स्वतः लाभ मिल जाता है।