क्या ग्वालियर में बीएसएफ अकादमी और गति शक्ति विश्वविद्यालय के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- बीएसएफ अकादमी और गति शक्ति विश्वविद्यालय के बीच समझौता हुआ है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा पर अनुसंधान होगा।
- भारत सरकार के आत्मनिर्भरता को समर्थन मिलेगा।
- शैक्षणिक कार्यक्रम और फैकल्टी एक्सचेंज होंगे।
- नई तकनीकों का विकास होगा।
ग्वालियर, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की सीमाओं की सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने वैश्विक युद्ध की बदलती परिस्थितियों और नई तकनीकों के युग में अपने आप को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में एक महत्वपूर्ण सहयोग समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता बीएसएफ को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
यह एमओयू बीएसएफ अकादमी के पुलिस टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर, सेंट्रल स्कूल ऑफ मोटर ट्रांसपोर्ट और स्कूल ऑफ ड्रोन वारफेयर ने गति शक्ति विश्वविद्यालय, वडोदरा और रुस्तमजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ग्वालियर के साथ मिलकर किया है। इस अवसर पर गति शक्ति विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. मनोज चौधरी और बीएसएफ अकादमी टेकनपुर के एडीजी शमशेर सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, डेटा एनालिटिक्स, ड्रोन तकनीक और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान, प्रशिक्षण और तकनीकी विकास के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा स्थापित करना है।
यह पहल भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” दृष्टिकोण को सशक्त बनाती है, जिसका लक्ष्य राष्ट्रीय सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स में स्वदेशी तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना है।
इस साझेदारी के तहत, संस्थान सुरक्षा चुनौतियों पर केंद्रित संयुक्त अनुसंधान और नवाचार परियोजनाओं को लागू करेंगे। गति शक्ति विश्वविद्यालय बीएसएफ कर्मियों और आरजेआईटी छात्रों के लिए लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में विशेष शैक्षणिक एवं कौशल विकास कार्यक्रम भी तैयार करेगा। विश्वविद्यालय फैकल्टी एक्सचेंज और मेंटर्शिप प्रोग्राम भी आयोजित करेगा।
इस सहयोगात्मक पहल के अंतर्गत, गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. मनोज चौधरी ने सेंट्रल स्कूल ऑफ मोटर ट्रांसपोर्ट में “टाटा मोटर्स आरसीटी लैब” और रुस्तमजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में “फ्यूचर मोबिलिटी लैब” का उद्घाटन भी किया। यह ऐतिहासिक कदम भारत के सीमा प्रबंधन में तकनीकी सशक्तिकरण के नए युग की नींव रखेगा।