क्या चुनाव में गड़बड़ी के चलते चंपारण आंदोलन जैसी स्थिति बनेगी?: भाई जगताप
सारांश
Key Takeaways
- चुनाव में गड़बड़ी की गंभीरता पर चर्चा।
- बिहार की जनता का वोट चोरी को बर्दाश्त न करने का संकल्प।
- चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल।
- चंपारण आंदोलन का संदर्भ।
- लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूकता।
मुंबई, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और मुंबई के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने बिहार चुनाव से संबंधित एग्जिट पोल, एसआईआर और वोट चोरी जैसे मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए।
भाई जगताप ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए एग्जिट पोल पर कहा कि जिस तरह से ईवीएम और अन्य तंत्र काम कर रहे हैं, उससे नतीजों का कोई महत्व नहीं रह जाता। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं टिकेगी, क्योंकि देश की जनता अब जान चुकी है कि उसे धोखा दिया जा रहा है। सबसे बड़ा जख्म यह है कि चुनाव आयोग उनके वोट के अधिकार को भी छीन रहा है। वोटों की चोरी हो रही है।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव समाप्त होने के बाद सभी मशीनें बंद कर दी जाती हैं। इसके बाद पुलिस ईवीएम मशीनें लाती हैं और फिर उन्हें भगा दिया जाता है। बिहार की जनता गरीब हो सकती है, लेकिन वह जानती है कि उनके साथ क्या हो रहा है। लोग सरकार के मंत्रियों और विधायकों को दौड़ा रहे हैं। बिहार की जनता वोट चोरी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
राजद नेता द्वारा चुनाव में गड़बड़ी होने पर नेपाल जैसे हालात बनने के बयान पर उन्होंने कहा कि ऐसा होना नहीं चाहिए लेकिन यह हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लेह, लद्दाख, और असम में भी यही स्थिति है। मणिपुर में भी ऐसा ही हो रहा है। आज देश अशांत है। अगर चुनाव में कोई गड़बड़ी हुई तो बिहार से एक बार फिर चंपारण आंदोलन जैसी शुरुआत होगी और सरकार को जवाब देना पड़ेगा। लोगों का सब्र टूट चुका है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आजादी के 77 साल बाद भी अगर जनता को ऐसे हालात का सामना करना पड़ता है तो वह सड़क पर उतर आएगी। सरकार को जनता का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव आयोग का दुरुपयोग कर रही है। यदि भारत जैसा लोकतंत्र बिखर जाता है, तो उसे पुनः स्थापित करने में कई साल लगेंगे।