क्या बिहार कभी कांग्रेस की प्राथमिकता रहा है? 2004 से 2014 तक किया गया नजरअंदाज: मंत्री नीतीश मिश्रा

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क्या बिहार कभी कांग्रेस की प्राथमिकता रहा है? 2004 से 2014 तक किया गया नजरअंदाज: मंत्री नीतीश मिश्रा

सारांश

क्या बिहार कभी कांग्रेस की प्राथमिकता रहा है? मंत्री नीतीश मिश्रा ने कांग्रेस की बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक बिहार को नजरअंदाज किया गया। जानिए उनके ताज़ा बयानों में क्या है खास।

Key Takeaways

  • कांग्रेस ने बिहार में अपनी प्राथमिकता को लेकर सवाल उठाए हैं।
  • मंत्री नीतीश मिश्रा ने आत्मविश्वास से अपनी बात रखी।
  • बिहार की जनता समझदार है और अपने हितों की रक्षा करती है।

नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक पर आक्रमण किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले भी बिहार में ऐसी बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब कांग्रेस का बिहार के प्रति लगाव सामने आ रहा है।

मंत्री नीतीश मिश्रा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, "आजादी से पहले कांग्रेस की एक बैठक बिहार में आयोजित की गई थी। वर्षों बाद, कांग्रेस अब बिहार को गंभीरता से ले रही है, लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि जब २००९ से २०१४ तक उनकी सरकार केंद्र में थी, तब बिहार से कितने लोगों को मंत्री बनाया गया था? २००४ से २०१४ तक मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहे, तो वह कितनी बार बिहार आए? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि बिहार कभी भी उनकी प्राथमिकता में नहीं रहा।"

उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस के गठबंधन में कई बातें अस्पष्ट हैं। ऐसा लगता है कि उनके बीच एक प्रतिस्पर्धा चल रही है कि हम ड्राइविंग सीट पर बैठेंगे। यह कांग्रेस का आंतरिक मुद्दा है। मुझे लगता है कि बिहार के लोग बहुत सजग और समझदार हैं। वहां के लोग जानते हैं कि उनके हित में क्या बेहतर है।"

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के दावों पर भी उन्होंने पलटवार किया। उन्होंने कहा, "विपक्ष क्या कहेगा? वे कभी नहीं मानेंगे कि एनडीए की सरकार बनेगी। वे तो बस अपना काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर लोगों का विश्वास बना हुआ है। वे जो कहते हैं, वही करते हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व को बिहार ने देखा है। मुझे नहीं लगता कि बिहार के लोग उस दौर में लौटना चाहेंगे, जिस दौर से बिहार मुश्किल से बाहर आया है।"

बिहार में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, "सही समय पर भाजपा नेतृत्व और एनडीए के सभी दलों के साथ बैठक होगी। बिहार में एनडीए की जो संयुक्त सभाएं हो रही हैं, उनसे सीट शेयरिंग का कोई मुद्दा नहीं है। मेरा मानना है कि एनडीए और केंद्रीय नेतृत्व आने वाले समय में सीट शेयरिंग पर निर्णय लेंगे।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में कांग्रेस की उपस्थिति के पीछे कई कारण हैं। हालाँकि, बिहार की जनता अपने हितों के प्रति सजग है और यह देखना महत्वपूर्ण है कि कैसे राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को तैयार करते हैं।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या बिहार में कांग्रेस का प्रभाव है?
हाल के वर्षों में कांग्रेस का प्रभाव बिहार में कम हो गया है, लेकिन वे अब फिर से सक्रियता दिखा रहे हैं।
नीतीश मिश्रा का कांग्रेस के प्रति क्या कहना है?
नीतीश मिश्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिहार को 2004 से 2014 तक नजरअंदाज किया।