क्या नई मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी सुरक्षित और इम्यून रिस्पॉन्स में सुधार करती है?

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क्या नई मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी सुरक्षित और इम्यून रिस्पॉन्स में सुधार करती है?

सारांश

नई मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में नवीनतम अध्ययन से पता चलता है कि यह सुरक्षित और प्रभावी है। इसने उन व्यक्तियों में भी सुरक्षा प्रदान की है, जिन्होंने पहले कभी मलेरिया का सामना नहीं किया। क्या यह नई चिकित्सा मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में गेम-चेंजर साबित हो सकती है? जानें इस महत्वपूर्ण खोज के बारे में।

Key Takeaways

  • नई मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का प्रयोग सुरक्षित है।
  • इसमें साइड इफेक्ट नहीं हैं।
  • यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें पहले कभी मलेरिया नहीं हुआ।
  • मलेरिया-नेव लोगों पर प्रभावी परिणाम मिले हैं।
  • यह चिकित्सा अनुसंधान मलेरिया के खिलाफ एक नई उम्मीद है।

नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नए मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में उत्साहजनक जानकारी सामने आई है! एक अध्ययन के अनुसार, इसका प्रयोग सुरक्षित है, इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं और यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें पहले कभी मलेरिया का सामना नहीं करना पड़ा।

द लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीजेज पत्रिका में प्रकाशित प्रायोगिक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी एमएएमओ1 के फेज 1 रैंडेमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल (आरसीटी) में यह पाया गया कि मलेरिया-नेव तीन वयस्कों को हाई डोज दी गई, और २६ सप्ताह बाद भी उनके ब्लडस्ट्रीम में कोई परजीवी नहीं पाया गया।

"मलेरिया-नेव" उस व्यक्ति को दर्शाता है जिसे कभी मलेरिया नहीं हुआ और जिससे इम्युनिटी विकसित नहीं हुई है।

मैरीलैंड विश्वविद्यालय की वैक्सीन विकास और वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र की लेखक प्रोफेसर कर्स्टन ई. लाइक ने कहा, "हालांकि नए टीके उपलब्ध हैं, परंतु उनके प्रभाव के बारे में अभी भी स्पष्टता नहीं है। प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम सर्कमस्पोरोजोइट प्रोटीन को लक्षित करने वाले मोनोक्लोनल एंटीबॉडी में इस रोग को रोकने की पूर्ण क्षमता है।"

"कंट्रोल्ड ह्यूमन इंफेक्शन मॉडल में मलेरिया-नेव लोगों पर एमएएमओ1 का डोज बर्दाश्त करने योग्य था, और यह सेफ्टी टारगेट को पूरा करता था, और साथ में मलेरिया से सुरक्षा प्रदान करने के क्लिनीकल प्रूफ भी थे।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, मलेरिया ने दुनिया भर में अनुमानित २६३ मिलियन लोगों को प्रभावित किया और २०२३ में ५९७,००० लोगों की मृत्यु का कारण बना। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे विशेष रूप से असुरक्षित हैं, और मलेरिया से संबंधित मौतों का सबसे बड़ा अनुपात इन्हीं में है।

अध्ययन के लिए, टीम ने १८ से ५० वर्ष की आयु के ३७ मलेरिया-नेव वयस्कों को (अगस्त २०२३ से दिसंबर २०२४ तक) एमएएमओ1 की एक खुराक या एक प्लेसीबो लेने के लिए चुना।

एमएएमओ1 की एक या दो खुराक लेने वाले पर कोई गंभीर प्रतिकूल असर नहीं दिखा।

संक्रमण के बाद, नियंत्रण समूह के ६ में से ६ प्रतिभागियों और एमएएमओ1 समूह के २२ में से १८ प्रतिभागियों के रक्त में मलेरिया परजीवी पाए गए।

हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा, "जिन लोगों को ४० मिलीग्राम/किग्रा खुराक इंट्रावीनस दी गई उनमें पैरासाइटेमिया विकसित नहीं हुआ। फार्माकोकाइनेटिक विश्लेषण से पता चला कि ८८ माइक्रोग्राम/एमएल से अधिक सीरम एमएएमओ1 सांद्रता होने पर मलेरिया से बचा जा सकता है।"

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि नई मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में यह अध्ययन एक महत्वपूर्ण विकास है। मलेरिया से प्रभावित देशों के लिए, यह एक नई आशा की किरण है। हमें इस तरह की चिकित्सा अनुसंधान का समर्थन करना चाहिए ताकि हम मलेरिया के खिलाफ बेहतर उपाय कर सकें।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

नई मलेरिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का क्या उपयोग है?
यह एंटीबॉडी मलेरिया के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले कभी मलेरिया नहीं हुआ।
क्या इस एंटीबॉडी के कोई साइड इफेक्ट हैं?
अध्ययन में पाया गया है कि इसका प्रयोग सुरक्षित है और इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं।
इस एंटीबॉडी का प्रभाव कितने समय तक रहता है?
अध्ययन के अनुसार, इसका प्रभाव 26 सप्ताह तक रह सकता है।
क्या यह एंटीबॉडी बच्चों के लिए भी सुरक्षित है?
यह एंटीबॉडी विशेष रूप से उन वयस्कों के लिए परीक्षण की गई है, लेकिन बच्चों के लिए सुरक्षा पर और अध्ययन की आवश्यकता है।
क्या यह एंटीबॉडी मलेरिया के इलाज में मदद कर सकती है?
यह एंटीबॉडी मलेरिया के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, परंतु इसे उपचार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।