क्या जदयू नेता उमेश कुशवाहा ने लालू परिवार पर निशाना साधा? हम रोहिणी आचार्य के साथ खड़े हैं

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क्या जदयू नेता उमेश कुशवाहा ने लालू परिवार पर निशाना साधा? हम रोहिणी आचार्य के साथ खड़े हैं

सारांश

बिहार की राजनीति में हलचल, रोहिणी आचार्य के ट्वीट ने जगाई चर्चा, जदयू नेता उमेश कुशवाहा का बयान।

Key Takeaways

  • रोहिणी आचार्य का परिवार से दूर होना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है।
  • उमेश कुशवाहा ने उनकी रक्षा में खड़े होने की बात कही।
  • यह मुद्दा राजद की आंतरिक समस्याओं की ओर भी इशारा करता है।

पटना, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति से अलविदा लेने और अपने परिवार से अलग होने के बाद बिहार की राजनीतिक स्थिति में हलचल मच गई है। रोहिणी के द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए भावुक ट्वीट के बाद विपक्षी दलों ने राजद नेतृत्व और यादव परिवार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में रोहिणी आचार्य के इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि लालू के परिवार ने रोहिणी आचार्य का अपमान किया है। उन्होंने कहा, "अगर कोई परिवार अपनी महिलाओं का सम्मान नहीं करेगा, तो वह राज्य की सेवा कैसे करेगा? हम रोहिणी आचार्य के साथ खड़े हैं।"

बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि उन्होंने रोहिणी का ट्वीट देखा है और इससे यह स्पष्ट होता है कि वह मानसिक रूप से बहुत आहत हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, इसलिए अधिक टिप्पणी उचित नहीं, लेकिन राजनीति में उनकी भी महत्वाकांक्षा रही होगी। संभव है कि पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान न मिलने के कारण मतभेद उत्पन्न हुए हों।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, पर यही इनका आचार-व्यवहार है। बिहार की जनता सब देख रही है कि इनके यहां क्या हो रहा है। आरजेडी को जनता ने पहले ही मिट्टी में गाड़ दिया है।"

उन्होंने कहा कि यह घटना आरजेडी की आंतरिक कलह और नेतृत्व संकट को उजागर करती है।

भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक संजय गुप्ता ने राजद सांसद संजय यादव पर रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों सहित पूरे विवाद पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि 9वीं फेल तेजस्वी यादव हमारे नेता थे। उन्हें परिवार संभालना नहीं आता। पहले ऐश्वर्या, फिर तेज प्रताप और अब रोहिणी आचार्य परिवार से बाहर हो गईं। जो परिवार नहीं संभाल सकते, वह राज्य क्या चलाएंगे?

संजय गुप्ता ने आगे कहा कि बिहार की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है। वह विपक्ष में बैठने लायक भी नहीं बचे हैं। टी-शर्ट पहनकर खुद को युवा दिखाने से कुछ नहीं होगा। पहले उन्हें खुद को विकसित करने की जरूरत है।

Point of View

बल्कि बिहार की राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकती है।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

रोहिणी आचार्य ने राजनीति क्यों छोड़ी?
रोहिणी आचार्य ने अपने परिवार से दूरी बनाकर व्यक्तिगत कारणों से राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया।
उमेश कुशवाहा ने रोहिणी के निर्णय पर क्या कहा?
उमेश कुशवाहा ने कहा कि लालू परिवार ने रोहिणी का अपमान किया है और वे उनके साथ खड़े हैं।
राजद के अन्य नेताओं ने इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया दी?
राजद के नेताओं ने इसे पारिवारिक मामला बताते हुए टिप्पणी करने से बचने का प्रयास किया।
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