क्या बिहार में फेमस होने के लिए सामाजिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई?

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क्या बिहार में फेमस होने के लिए सामाजिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई?

सारांश

बिहार के पूर्वी चंपारण में टिकुलिया गांव में भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की एक साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया। इस मामले में एक यूट्यूबर और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया है। जानिए कैसे मोतिहारी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।

Key Takeaways

  • सोशल मीडिया का इस्तेमाल सही तरीके से करें।
  • भाईचारे को नुकसान पहुँचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
  • हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह समाज को जोड़े।

मोतिहारी, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्वी चंपारण के टिकुलिया गांव में भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की एक गंभीर साजिश को पुलिस ने विफल कर दिया है। कुछ लोगों ने केवल "सोशल मीडिया की प्रसिद्धि" के लिए गांव की साझी संस्कृति और सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाने की कोशिश की थी, लेकिन मोतिहारी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करके ऐसे तत्वों को रोका है जो समाज को जाति के नाम पर बांटना चाहते थे।

आदापुर थाना क्षेत्र के टिकुलिया गांव में "ब्राह्मणों का प्रवेश वर्जित है" का बोर्ड लगाने से सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में हलचल मच गई। जांच में यह पाया गया कि यह बोर्ड मंदीप कुमार नामक युवक (यूट्यूबर) द्वारा लगाया गया था, जिसका उद्देश्य यूट्यूब पर प्रसिद्धि पाना और विवाद उत्पन्न करना था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आदापुर थाना में कांड संख्या 246/25 दर्ज किया है।

टिकुलिया के निवासी कृष्णा राय के पुत्र मंदीप कुमार ने अपने दो साथी संजीत कुशवाहा और मनीष कुमार के सहयोग से यह कृत्य किया। पुलिस का कहना है कि तीनों ने मिलकर गांव के बाहर ऐसा बोर्ड लगवाया जिससे सामाजिक ताना-बाना बिगड़ सके। गांव के बुद्धिजीवियों ने तुरंत इसकी सूचना दी और मोतिहारी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बोर्ड को हटा दिया।

पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि मंदीप कुमार पहले भी कई मामलों में शामिल रहा है, जिनमें शराबबंदी कानून का उल्लंघन, चोरी, अश्लीलता और मारपीट के कुल 11 मामले शामिल हैं। ऐसे लोगों की गतिविधियाँ समाज को बांटने का प्रयास होती हैं, जिसका प्रशासन कभी भी सफल नहीं होने देगा। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा, "जो लोग अफवाहें फैलाकर समाज में जहर घोलना चाहते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया किसी भी मनमानी का मंच नहीं है और न ही नफरत फैलाने का साधन है। इस मामले में जो भी शामिल होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

यह घटना केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि सामाजिक चेतना का उदाहरण है। समाज को जोड़ने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है क्योंकि नफरत से न किसी को प्रसिद्धि मिलती है, न सम्मान।

Point of View

NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई की?
हाँ, पुलिस ने आदापुर थाना में कांड संख्या 246/25 दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
मंदीप कुमार पहले भी किस मामलों में शामिल रहा है?
मंदीप कुमार पहले शराबबंदी कानून, चोरी, अश्लीलता और मारपीट के मामलों में शामिल रहा है।