क्या बिहार के मोकामा में जन सुराज के नेता की हत्या ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए?
सारांश
Key Takeaways
- दुलारचंद यादव की हत्या ने बिहार में सुरक्षा व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला दिया है।
- तेजस्वी यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- बिहार में चुनावी हिंसा का खतरा बढ़ता जा रहा है।
पटना, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मोकामा में गुरुवार को जन सुराज पार्टी से जुड़े दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जानकारी के अनुसार, दो समूहों के बीच हुई फायरिंग के दौरान दुलारचंद यादव की मौत हो गई। इस घटना पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव में हिंसा की कोई आवश्यकता नहीं है। चुनाव का समय है, आचार संहिता लागू है और इस दौरान कुछ लोग बंदूक-गोली लेकर घूम रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 साल पुरानी बातें करते हैं लेकिन 30 मिनट पहले क्या हुआ, ये नहीं देखते। सीवान में एक एएसआई की गला रेत कर हत्या कर दी गई। मोकामा में दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिहार में किस प्रकृति के लोग हावी हैं, ये जनता देख रही है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आंख खोलकर देखना चाहिए कि किस तरह की बौखलाहट इनकी हार को लेकर सामने आ रही है। कौन लोग हैं जो अपराधियों को पैरोल पर बाहर लाते हैं और उन्हें संरक्षण देते हैं? ये सब बिहार की जनता देख रही है और आने वाले चुनाव में करारा जवाब देगी।
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि ये लोग कभी 200 राउंड गोली चलाते हैं, हत्या होती है, लेकिन कुछ नहीं होता। सरकार में बैठे लोग अपनी कुर्सी बचाने के लिए अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है और जनता अब बदलाव के मूड में है।
जन सुराज पार्टी से जुड़े दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप पूर्व विधायक अनंत सिंह के ऊपर लगा है। हालांकि, अनंत सिंह ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र में गए थे, जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके खिलाफ नारेबाजी और गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बावजूद उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और वहां से निकल गए।
अनंत सिंह ने कहा कि घटना के समय वहां मौजूद लोगों के पास पहले से हथियार थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह पूरी रणनीति राजद नेता सूरजभान सिंह के द्वारा रची गई थी, ताकि वोटों को डिस्टर्ब किया जा सके।