क्या बिहार एसआईआर का प्रथम चरण समाप्ति की ओर है? 20 लाख मृतक मिले?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार एसआईआर का प्रथम चरण 20 लाख मृतक के साथ समाप्ति की ओर है।
- मतदाता ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।
- 1 अगस्त 2025 को प्रारूप सूची प्रकाशित होगी।
- योग्य मतदाता को छूटने नहीं दिया जाएगा।
- आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 है।
पटना, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का प्रथम चरण समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि वोटिंग लिस्ट में कोई योग्य मतदाता छूट न जाए और कोई अयोग्य मतदाता शामिल न हो।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, अब तक 98.01 प्रतिशत मतदाता कवर किए जा चुके हैं। 20 लाख मृतक मिले हैं, जबकि 28 लाख ऐसे मतदाताओं के नाम पाए गए हैं जो स्थायी रूप से प्रवास कर चुके हैं। 7 लाख मतदाताओं के वोट एक से अधिक स्थानों पर मिले हैं, जबकि 1 लाख वोटरों का कोई पता नहीं चल पा रहा है। अब तक 15 लाख मतदाताओं के फॉर्म वापस नहीं मिले हैं। 7.17 करोड़ मतदाताओं यानी 90.89 प्रतिशत के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज्ड हो चुके हैं।
एसआईआर के इस चरण में प्राथमिक रूप से गलत तरीके से सम्मिलित सभी मतदाताओं की सूची और अब तक फॉर्म न भरने वालों की सूची को बिहार के सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नामित 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स से 20 जुलाई को साझा किया गया है।
बिहार के ऐसे मतदाता जो अस्थायी रूप से राज्य के बाहर हैं, और यदि उन्होंने अन्यत्र मतदाता नहीं बने हैं, तो वे अपना फॉर्म ऑनलाइन के माध्यम से वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गॉव डॉट इन या ईसीआईनेट मोबाइल ऐप पर भर सकते हैं। वे अपने प्रिंटेड फॉर्म को भरकर अपने परिवार के माध्यम से बीएलओ तक पहुंचा सकते हैं या उसे व्हाट्सऐप कर सकते हैं।
गणना फॉर्म जमा करने वाले मतदाताओं के नाम प्रारूप सूची में शामिल होंगे। मतदाता सेवा पोर्टल पर अपने फॉर्म के भरे जाने की पुष्टि कर सकते हैं। आयोग ने उन सभी मतदाताओं को एसएमएस भेजे हैं जिनके फॉर्म में मोबाइल नंबर दर्ज हैं।
1 अगस्त 2025 को एसआईआर के इस चरण की समाप्ति पर मतदाताओं की प्रारूप सूची प्रकाशित की जाएगी। यदि इस सूची में कोई त्रुटि है, तो कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल किसी भी प्रस्तावित मतदाता के नाम पर अपनी आपत्ति को 1 सितंबर 2025 तक उस विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ या एईआरओ के पास दर्ज करा सकता है। इसी तरह, यदि कोई योग्य व्यक्ति प्रारूप सूची में अपना नाम नहीं पाता है, तो वह अपना दावा 1 सितंबर 2025 तक दर्ज करा सकता है।