क्या बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुई तीखी नोक-झोंक?

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई।
- तेजस्वी ने एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
- नीतीश ने तेजस्वी के परिवार के मुख्यमंत्री कार्यकाल का उल्लेख किया।
- बिहार की राजनीति में यह घटना महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है।
- सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है।
पटना, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई। तेजस्वी यादव ने विधानसभा में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए सरकार और चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा। इसी दौरान, नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए उन्हें टोक दिया।
तेजस्वी यादव ने कहा, "संविधान के अनुसार, 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक को मतदान का अधिकार है। हम एसआईआर के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया की पारदर्शिता अनिवार्य है। चुनाव आयोग को निष्पक्षता के साथ कार्य करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।"
उन्होंने 'बाहरी वोटर' के मुद्दे पर भी चर्चा की, "चुनाव आयोग ने कहा है कि कुछ बाहरी लोग मतदाता सूची में शामिल हैं। यह शर्मनाक है कि एसआईआर ड्राइव चल रहा है और चुनाव आयोग इस पर स्पष्टता नहीं दे रहा है।"
तेजस्वी ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर मामला चल रहा है और चुनाव आयोग ने 780 पृष्ठों का हलफनामा पेश किया है, जिसमें बाहरी लोगों का कोई उल्लेख नहीं है।
इस पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, "आप जनता को गुमराह कर रहे हैं। आपको बिहार के लोगों को भ्रमित करने का खेल बंद करना चाहिए।"
बाद में नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "आपकी उम्र कम थी जब आपके पिता (लालू प्रसाद यादव) मुख्यमंत्री थे। उस समय स्थिति क्या थी?"
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने महिलाओं और मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। नीतीश कुमार ने कहा, "हमने महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण किया है और काम किया है।"